यरूशलम। इजराइल का कहना है कि उसने हमास आतंकवादियों के कब्जे वाले इजराइली क्षेत्रों पर वापस से नियंत्रण पाने के लिए अपने विशेष बलों को लगाया है। इजराइल ने अपनी सीमा में आतंकी समूह की अप्रत्याशित घुसपैठ के जवाब में यह कार्रवाई की है। इजराइल ने रविवार को आधिकारिक तौर पर युद्ध का ऐलान किया था और हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में ‘महत्वपूर्ण सैन्य कदम’ उठाए जाने को हरी झंडी दी थी। इजराइली सेना ने दक्षिणी शहरों में अब भी मौजूद आतंकवादियों को मार गिराने का प्रयास किया और गाजा पट्टी पर बमबारी तेज कर दी है। इजराइल-फलस्तीन संघर्ष में 1,100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दोनों पक्षों के हजारों लोग घायल हुए हैं। सोमवार सुबह कई स्थानों पर जंग जारी रही। वहीं गाजा पर पूरी तरह से कब्जे के लिए इजरायल ने 1 लाख सैनिक भी उतार दिए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा, ‘मैंने गाजा पट्टी पर पूर्ण घेराबंदी का आदेश दिया है। इसमें न बिजली होगी, न भोजन, न ईंधन, सब कुछ बंद है। हम मानव के रूप में जानवरों से लड़ रहे हैं और हम उसी हिसाब से फैसला ले रहे हैं।
ऑस्ट्रिया ने फिलिस्तीन इलाकों में विकास सहायता रोकी ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री का कहना है कि इजराइल पर हमास के हमले के बाद उनका देश फिलिस्तीन क्षेत्रों के लिए विकास सहायता रोकेगा। ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने सोमवार को ‘ओई1 रेडियो’ को बताया कि फिलिस्तीन को दिए जाने वाली सभी विकास सहायता भुगतान फिलहाल रोक दिए जाएंगे। यह भुगतान लगभग दो करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य का है। वहीं जर्मनी की विकास मंत्री ने रविवार को कहा कि उनका देश फलस्तीनी क्षेत्रों को दी जाने वाली अपनी वित्तीय सहायता की समीक्षा करेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सहायता राशि 26.50 करोड़ अमेरिकी डॉलर है और फिलहाल कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं ने स्थायी शांति की आवश्यकता पर चर्चा की मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेताओं ने सोमवार को इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादियों के बीच संघर्ष पर चर्चा की। मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने राजनयिक प्रयासों को बढ़ाने के महत्व पर सहमति जताई है, जिनका उद्देश्य हिंसा को कम करना, नागरिकों की रक्षा करना, रक्तपात रोकना है। मिस्र 1970 के दशक में इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला अरब देश था और वह गाजा व इजराइल दोनों देशों के साथ सीमा साझा करता है।
इजराइल से दो दिनों में करीब 600 रोमानियाई नागरिकों को वापस भेजा गया
रोमानिया के विदेश मंत्रालय का कहना है कि तीर्थयात्रियों के दो समूहों सहित रोमानिया के 245 नागरिकों को एक वाणिज्यिक विमान कंपनी के दो अलग-अलग विमानों से इजराइल से वापस लाया गया है। रविवार को स्वदेश वापसी से पहले सप्ताहांत में 346 और लोगों को रोमानिया वापस भेज दिया गया था।
सभी फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद कराना चाहते हैं : हमास
आतंकवादी समूह हमास के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि वे इजरायल से सभी फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद और वेस्ट बैंक व यरूशलम, विशेष रूप से अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली मौजूदगी को खत्म करना चाहते हैं। अब्देल लतीफ अल कानौआ ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को फोन पर बताया कि हमास के आतंकवादी अब भी इजरायली सेना से लड़ रहे हैं और सोमवार सुबह उन्होंने और अधिक इजरायलियों को बंधक बना लिया है।
हंगरी की वायु सेना ने 200 से अधिक लोगों को इजराइल से बाहर निकाला हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्तो ने फेसबुक पर एक पोस्ट में बताया कि हंगरी की वायु सेना के दो विमान इजराइल से 215 लोगों को लेकर सोमवार तड़के बुडापेस्ट पहुंचे। इजराइल में हमास के हमले में थाइलैंड के 12 लोगों की मौत थाइलैंड के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता कंचना पताराचोके ने सोमवार को बताया कि इजराइल में हमास के हमले में थाइलैंड के 12 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने 11 अन्य नागरिकों को बंधक बनाया हुआ है और हमले में आठ थाई नागरिक घायल हुए हैं। कंचना ने कहा कि यह संख्या इलाके में श्रमिकों और कर्मियों से मिली जानकारी के आधार पर है, जिसकी इजरायली अधिकारियों द्वारा पुष्टि किए जाने का इंतजार है।
हमास को सत्ता से हटाना चाहता है इजराइल: सैन्य प्रवक्ता
इजराइल की सेना के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि हमास आतंकवादियों से जंग में इजराइल का एक मकसद गाजा पट्टी में आतंकवादी समूह को सत्ता से हटाना है। जोनाथन कॉनरिकस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह बयान दिया।