
जवानी का समय हर किसी के जीवन में अनमोल होता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ शरीर की ऊर्जा और ताजगी धीरे-धीरे कम होने लगती है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, अगर आज से ही सही तरीके अपनाएं जाएं तो ढलती जवानी को दौड़ा-दौड़ी वापस लाया जा सकता है। आयुर्वेद हमें शरीर और मन दोनों को संतुलित रखने के लिए प्राकृतिक उपाय देता है, जो न केवल हमारी तंदरुस्ती बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं। ऐसे में 5 खास आयुर्वेदिक टिप्स हैं जो आपके जीवन में नई ऊर्जा भर सकते हैं और जवानी को बनाए रख सकते हैं।
त्रिफला का नियमित सेवन: त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला) आयुर्वेद का चमत्कारी नुस्खा माना जाता है। यह न सिर्फ पाचन को सुधारता है बल्कि शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर त्वचा को चमकदार और शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है। रोज़ रात को एक चम्मच त्रिफला पाउडर गर्म पानी के साथ लेने से लंबे समय तक जवां दिखा जा सकता है।
अश्वगंधा – ताकत और तनाव दोनों का समाधान: अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक और तनाव कम करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। यह शरीर की थकान को दूर करती है, हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है और यौन स्वास्थ्य में भी सुधार करती है। रोज सुबह या रात को दूध के साथ अश्वगंधा लेने से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है।
तिल का तेल अभ्यंग (मालिश): आयुर्वेद में रोज़ाना मालिश को शरीर को जवां और लचीला बनाए रखने का एक प्रमुख तरीका बताया गया है। तिल के तेल से सिर और शरीर की हल्की मसाज करने से रक्त संचार बेहतर होता है, त्वचा में कसाव आता है और हड्डियाँ भी मजबूत बनती हैं।
सुबह का गर्म पानी और नींबू: दिन की शुरुआत गुनगुने पानी में नींबू और थोड़ा शहद मिलाकर करने से शरीर के विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं। इससे मेटाबॉलिज़्म तेज होता है, वजन नियंत्रित रहता है और त्वचा पर प्राकृतिक ग्लो आता है, जिससे उम्र का असर कम दिखता है।
समय पर नींद और ब्रह्म मुहूर्त में जागना: आयुर्वेद में सुबह सूर्योदय से पहले उठने को अत्यंत शुभ माना गया है। इस समय का वातावरण शरीर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। इसके साथ-साथ पर्याप्त नींद लेना शरीर की मरम्मत प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और त्वचा को जवां बनाए रखता है।