उच्च रक्तचाप से प्रभावित है एक अरब आबादी
दुनिया की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी, यानी विश्व की एक अरब से अधिक आबादी को उच्च रक्तचाप से प्रभावित माना जाता है।त्रिशूर स्थित केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल में विजिटिंग प्रोफेसर डॉ नरेश पुरोहित ने बुधवार को इस आशय का दावा किया। उन्होंने यूनीवार्ता से कहा,“यह एक प्राथमिक जोखिम कारक भी है जो कोरोनरी हृदय रोग, पुरानी गुर्दे की विफलता, मनोभ्रंश और अतालता जैसी कई हृदय रोगों की ओर जाता है। उच्च रक्तचाप भारत में एक बढ़ती हुई समस्या है और स्वास्थ्य प्रणाली पर महत्वपूर्ण बोझ का कारण भी है।”
इंडियन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन के कार्यकारी सदस्य डा. पुरोहित ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर अपनी चिंता साझा करते हुए कहा कि हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद उच्च रक्तचाप नियंत्रण रिपोर्ट में कहा गया कि हर चार भारतीय वयस्कों में से कम से कम एक उच्च रक्तचाप से पीड़ित है, लेकिन केवल 10 प्रतिशत ही अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर पाते हैं।प्रसिद्ध महामारी विज्ञानी डॉ पुरोहित ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नवीनतम संस्करण के हवाले से कहा कि दक्षिणी राज्यों में राष्ट्रीय औसत की तुलना में उच्च रक्तचाप का प्रसार अधिक है। देश में 21.3 प्रतिशत महिलाओं और 15 वर्ष से अधिक आयु के 24 फीसदी पुरुषों को उच्च रक्तचाप है।
केरल में इसका प्रसार सबसे अधिक है, जहां 32.8 प्रतिशत पुरुषों और 30.9 फीसदी महिलाओं में उच्च रक्तचाप का निदान किया गया है।उन्होंने बताया कि केरल के बाद तेलंगाना का स्थान है जहां पुरुषों में यह प्रसार 31.4 प्रतिशत और महिलाओं में 26.1 फीसदी है। इसके अलावा 40 से 49 वर्ष की आयु के लगभग एक-चौथाई महिलाओं और पुरुषों में उच्च रक्तचाप है। कम उम्र में भी, आठ महिलाओं में से एक और 30 से 39 वर्ष की आयु के पांच पुरुषों में से एक को उच्च रक्तचाप है।
उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप की व्यापकता सिखों (पुरुषों में 37 प्रतिशत और महिलाओं में 31 प्रतिशत), जैन (पुरुषों में 30 प्रतिशत और महिलाओं में 25 प्रतिशत) और ईसाइयों (पुरुषों में 29 प्रतिशत और महिलाओं में 26 प्रतिशत) में अधिक है।उन्होंने खुलासा किया है कि भारत दुनिया की आबादी का 18 प्रतिशत है और 2025 तक, यह अनुमान लगाया जाता है कि यह देश दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की ओर अग्रसर है। इसलिए देश में उच्च रक्तचाप की देखभाल में सुधार की तत्काल आवश्यकता है ताकि इसका व्यापक रूप से दुनिया पर निर्णायक प्रभाव पड़ सके।प्रसिद्ध चिकित्सक ने कहा कि एक गतिहीन जीवन शैली, उच्च पेय और नमक का सेवन तथा साथ ही स्मार्टफोन की लत के कारण पर्याप्त नींद की कमी उच्च रक्तचाप की घटनाओं में लगातार वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।