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योगी सरकार ने पेश की पर्यावरण संरक्षण और विकास की अनूठी मिसाल

  • परिवेश 2.0 पोर्टल से वन भूमि हस्तान्तरण में यूपी ने हासिल की उल्लेखनीय प्रगति
  • वन एवं वन्य जीव विभाग ने विकास कार्यों के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया को दी गति
  • योगी सरकार ने वन भूमि हस्तांतरण और क्षतिपूरक वनीकरण में स्थापित किया अद्भुत संतुलन
  • यूपी ने 868 करोड़ रुपये की कैम्पा निधि से किया सर्वाधिक क्षतिपूरक वनीकरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वन एवं वन्यजीव विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में विकास कार्यों के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया और क्षतिपूरक वनरोपण में समन्वय स्थापित कर विकास और पर्यावरण सरंक्षण को नई दिशा प्रदान की है। योगी सरकार ने एक ओर तो परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से विकास कार्यों के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाया है तो वहीं दूसरी ओर कैम्पा निधि से क्षतिपूर्ति वनीकरण व अन्य कार्यों को गति प्रदान कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है। परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से अब तक कुल जारी 226 अन्तिम स्वीकृतियों में से 142 स्टेज-2 की स्वीकृतियां पिछले 05 माह में निर्गत की गईं। साथ ही 868 करोड़ रुपये की कैम्पा निधि से क्षतिपूर्ति वनीकरण का कार्य किया गया है। जो कि सही अर्थों में सतत विकास की अवधारणा को धरातल पर सच साबित करता है।

परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से मिली विकास कार्यों को गति

सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वन एवं वन्य जीव विभाग ने परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से विकास कार्यों के लिए वन भूमि हस्तान्तरण प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की है। परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से पिछले पांच महीनों में परिवेश 2.0 के तहत कुल 226 अंतिम स्वीकृतियों में से 142 स्टेज-2 की स्वीकृतियां निर्गत की गईं।परिवेश 2.0 पोर्टल वन भूमि हस्तान्तरण प्रकरणों के अनुश्रवण और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस पोर्टल पर वन भूमि हस्तांतरण के सभी प्रकरण अपलोड किए जाते हैं, जिससे लंबित मामलों को चिह्नित कर उनका त्वरित निस्तारण आसानी से संभव सके। साथ ही इस पोर्टल के माध्यम से केंद्र सरकार और राज्य सरकार व सरकार के अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर विकास कार्यों को तीव्रगति से पूरा किया जा रहा है। यह उपलब्धि विभाग की कार्यकुशलता और तकनीकी नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यूपी के वन प्रभागों में दर्ज प्रकरणों का हो रहा त्वरित समाधान

वन एवं वन्य जीव विभाग के डैशबोर्ड के अनुसार प्रदेश के विभिन्न वन प्रभागों में प्रकरणों की संख्या में विविधता और तीव्र गति से निस्तारण देखने को मिला है। विभाग के डैशबोर्ड के अनुसार फतेहपुर वन प्रभाग में 24, मुरादाबाद में 17, और संभल में 9 प्रकरण दर्ज हैं। इसी प्रकार देवरिया वन प्रभाग में 8, सहारनपुर में 7, शिवालिक में 5 और सिद्धार्थनगर वन प्रभाग में 4 प्रकरण हैं। जिनका अन्य कार्यदायी संस्थाओं के साथ नियमित बैठक कर तीव्रगति से निस्तारण किया जा रहा है।

यह डैशबोर्ड, परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही सड़क निर्माण-मरम्मतीकरण, रेल लाईन, विद्युत पारेषण लाइन, बांध और नहरों का निर्माण जैसे विकास कार्यों को भी गति प्रदान कर रहा है।

यूपी ने हासिल किया विकास और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन

प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने सीएम योगी के विजन के अनुरूप इस पोर्टल के माध्यम से विकास कार्यों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति संतुलन स्थापित किया है। विभाग ने कार्यदायी संस्थाओं के साथ नियमित बैठकों के माध्यम से शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया है। वन भूमि हस्तान्तरण के उपरांत कैम्पा निधि का उपयोग कर वन संरक्षण के विभिन्न कार्यों को पूरा किया गया है। वन एवं वन्य जीव विभाग ने कैम्पा निधि के लगभग 868 करोड़ रुपये क्षतिपूरक वनीकरण, 5.79 करोड़ रुपये जल ग्रहण क्षेत्र शोधन के साथ अन्य स्थल-विशिष्ट परियोजनाओं के लिए 416 करोड़ रुपये व्यय किये हैं।

यही नहीं कैम्पा निधि से क्षतिपूरक वनीकरण के मामले में यूपी ने लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक लगभग 86 प्रतिशत वनीकरण किया है। परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश का वन एवं वन्य जीव विभाग न केवल अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करे विकास कार्यों को गति दे रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहा है।

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