अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सभी देशों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अवैध प्रवासियों को अपने देश से बाहर नहीं निकाला तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ट्रंप का यह बयान उन देशों के लिए था, जो प्रवासी संकट से निपटने में निष्क्रिय दिख रहे हैं। इस पर भारत का क्या स्टैंड है? भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि हर देश को अपनी घरेलू सुरक्षा और नीति के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन यह भी जरूरी है कि प्रवासियों के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए।
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भारत ने इस मुद्दे पर हमेशा संयम और सतर्कता बरतने की नीति अपनाई है। हालांकि, भारत में भी अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर विवाद उठते रहे हैं, खासकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों के संदर्भ में। भारत का यह मानना है कि विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से उचित समाधान निकाला जाना चाहिए, जो सभी पक्षों के लिए न्यायपूर्ण हो। ट्रंप की चेतावनी के बाद भारत ने इस मुद्दे पर स्पष्ट बयान देने से परहेज किया है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या भविष्य में वैश्विक प्रवास नीति में बदलाव आएगा।