नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वह राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को फिर से मजबूत करने के लिए महागठबंधन में वापसी कर सकते हैं, जबकि अन्य इसे केवल एक सामान्य यात्रा मान रहे हैं। इन अटकलों के बीच, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे और किसी भी फैसले का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में वापसी करते हैं, तो यह बिहार के हित में होगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नीतीश कुमार की वापसी से महागठबंधन को मजबूती मिल सकती है, क्योंकि उनकी अनुभव और रणनीतिक सोच को देखते हुए उनका राजनीतिक प्रभाव बिहार में महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, विपक्षी दल इसे अपने लिए एक चुनौती मान रहे हैं, क्योंकि नीतीश कुमार की राजनीति में कोई भी कदम बदलाव का संकेत हो सकता है।
तेजस्वी यादव ने यह भी जोड़ा कि उनका ध्यान पूरी तरह से बिहार की जनता की समस्याओं पर है, और वे राजनीति में किसी भी बदलाव से पहले अपनी पार्टी के हितों को प्राथमिकता देंगे। ऐसे में नीतीश कुमार के निर्णय से राज्य की राजनीति में कौन सा नया मोड़ आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।