तमिलनाडु विधानसभा में राज्यपाल आरएन रवि का गुस्से में सदन छोड़ना राज्य की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन गया है। घटना के बाद राज्यपाल ने मीडिया से बात किए बिना सीधे सदन छोड़ दिया, जिससे विधानसभा के भीतर और बाहर गहमा-गहमी शुरू हो गई। राज्यपाल का आरोप था कि राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जो उनके अनुसार संविधान और राष्ट्र के प्रतीकों के प्रति उचित सम्मान का उल्लंघन था। इस पर विधानसभा के कई सदस्य और नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और राज्यपाल के आचरण पर सवाल उठाए।
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कुछ ने इसे “अत्यधिक संवेदनशीलता” के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे संवैधानिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान का महत्वपूर्ण विषय माना। इसके अलावा, इस घटना ने राज्य में केन्द्र-राज्य संबंधों पर भी एक नया विमर्श छेड़ा, क्योंकि राज्यपाल की भूमिका को लेकर कई राजनीतिक पार्टियां असहमति व्यक्त कर चुकी हैं। विपक्षी दलों ने इसे राज्य की स्वायत्तता पर हमला बताते हुए आलोचना की, वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं ने इसे एक गंभीर मामला मानते हुए राज्यपाल के बयान को उचित बताया। अब यह देखना बाकी है कि इस घटना के बाद राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच के संबंध कैसे विकसित होते हैं।