
ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में देश के बड़े कॉर्पोरेट घरानों ने भी अब कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अदाणी ग्रुप ने एक साहसिक निर्णय लेते हुए अपने एयरपोर्ट्स पर चीनी ‘ड्रैगन पास’ के जरिए दी जाने वाली फ्री लाउंज सुविधा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह फैसला चीन को आर्थिक मोर्चे पर करारा जवाब देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इस कदम से जहां राष्ट्रवाद को बल मिलेगा, वहीं स्वदेशी विकल्पों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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अदाणी ग्रुप द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल एक व्यावसायिक रणनीति है, बल्कि यह राष्ट्रहित में लिया गया एक सशक्त संदेश भी है। ड्रैगन पास, जो कि चीन आधारित एक सदस्यता सेवा है, के माध्यम से दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर यात्री फ्री लाउंज सुविधाएं प्राप्त करते थे। अदाणी द्वारा इस सेवा को बंद करना सीधे तौर पर चीनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर हाल ही में शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी पहल है जिसका उद्देश्य चीन पर आर्थिक और रणनीतिक दबाव बनाना है। इस मुहिम को आम जनता के साथ-साथ अब कॉर्पोरेट सेक्टर का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है। अदाणी ग्रुप जैसे बड़े औद्योगिक घराने का इस मुहिम में शामिल होना इस आंदोलन को नई ऊर्जा देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अन्य निजी कंपनियां और कॉर्पोरेट समूह भी इसी प्रकार के निर्णय लेते हैं तो यह एक बड़ा आर्थिक दबाव उत्पन्न कर सकता है। इससे चीन की उन सेवाओं और उत्पादों पर निर्भरता घटेगी जो वर्षों से भारत के बाजार में जमी हुई हैं।
इस फैसले का एक सामाजिक पहलू भी है—यह आम जनता को भी प्रेरित करेगा कि वे विदेशी, विशेषकर चीनी उत्पादों और सेवाओं से दूरी बनाकर स्वदेशी विकल्पों की ओर रुख करें। अदाणी ग्रुप की इस पहल से देशभर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी बल मिलेगा।