इंडिया ब्लॉक के ‘एक साल एक पीएम’ फॉर्मूले पर बोले अमित शाह- देश इस तरह नहीं चलता
नई दिल्ली : इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्रियों को ‘एक-एक साल” के आधार पर चुनने के फार्मूले की खबरों के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि देश को इस तरह नहीं चलाया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि तीन दशकों से अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली अस्थिर सरकारों के कारण राष्ट्र पहले ही इसकी कीमत चुका चुका है.
उन्होंने कहा कि इस देश ने तीन दशकों तक अस्थिरता की कीमत चुकाई, तीन दशकों तक अस्थिर सरकारें चलीं लेकिन पिछले 10 वर्षों में देश को एक मजबूत नेतृत्व मिला है, स्थिरता मिली है. केवल राजनीतिक स्थिरता ही नहीं, नीतियों और विकास कार्यक्रम को लेकर भी स्थिरता आई है. अब अगर इंडी गठबंधन कहता है कि शरद पवार को एक साल के लिए पीएम चुना जाएगा, ममता जी को एक साल के लिए चुना जाएगा, स्टालिन को एक साल के लिए चुना जाएगा और अगर कुछ बचा है तो राहुल जी को चुना जाएगा. अमित शाह ने कहा कि इस तरह से देश नहीं चलाया जाता है.
इस बीच, इंडिया ब्लॉक ने 2024 के आम चुनावों के लिए अपना पीएम चेहरा पेश नहीं किया है. सूत्रों ने कहा कि सीटों की बातचीत में शामिल शीर्ष स्तर के लोग 2024 के लोकसभा चुनावों में भारत गठबंधन के विजयी होने पर देश में शीर्ष पद के लिए सत्ता साझेदारी के संभावित अंकगणित पर भी चर्चा कर रहे हैं.
बातचीत से जुड़े सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के लिए उनके संबंधित दलों की ओर से जीती गई लोकसभा सीटों की संख्या के अनुसार, प्रधान मंत्री के रूप में ‘प्रत्येक एक वर्ष’ के फार्मूले पर काम किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में भारतीय गठबंधन की सीट शेयरिंग वार्ता असफल रही है. वायनाड लोकसभा सीट पर भी टकराव देखा गया है, जहां गठबंधन के दो सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस से राहुल गांधी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से एनी राजा.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के विजयी होने पर ये चुनाव पूर्व मनमुटाव दूर हो जायेंगे. इस संबंध में इंडिया गुट पर निशाना साधते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘विपक्ष पीएम पद की नीलामी करने में व्यस्त है’.
इंडिया गठबंधन में चर्चा चल रही है कि वे ‘एक साल एक पीएम’ का फॉर्मूला बना रहे हैं’ यानी एक साल में एक पीएम, दूसरे साल में दूसरा पीएम, तीसरे साल में तीसरा पीएम, चौथे साल में चौथा पीएम, पांचवें साल में पांचवां पीएम. वे प्रधानमंत्री की कुर्सी की नीलामी में भी व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी व्यवस्था के लिए दुनिया भारत का उपहास करेगी और देश के सम्मान पर असर पड़ेगा.