
“पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करें। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कठोर नीति का हिस्सा है, जिससे यह संदेश जाता है कि भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए कोई स्थान नहीं है।”
गृह मंत्रालय की सख्त चेतावनी
“गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत की सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अमित शाह के निर्देश के अनुसार, राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके क्षेत्र में रहने वाले सभी विदेशी नागरिकों की पहचान की जाए, विशेष रूप से वे जो अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। इनकी पूरी जांच-पड़ताल की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इन्हें डिपोर्ट किया जाएगा।”
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खुफिया एजेंसियों को अलर्ट
“खुफिया एजेंसियों को भी इस संदर्भ में सतर्क कर दिया गया है। आईबी और एनआईए को निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और संभावित आतंकी नेटवर्क को ट्रैक करें। इस पूरी प्रक्रिया में राज्यों की पुलिस, स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल को प्राथमिकता दी जा रही है।”
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
“अमित शाह की इस कार्रवाई पर राजनीतिक गलियारों से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ दलों ने इसे सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी बताया है, तो वहीं कुछ विपक्षी नेता इसे डर और भेदभाव फैलाने वाला कदम मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस कदम को लेकर तीखी बहस जारी है – एक ओर जहां लोग इसे ‘सही दिशा में कदम’ कह रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।”
राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि
“गृहमंत्री का यह कदम साफ तौर पर यह दर्शाता है कि भारत की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने यह संकेत दे दिया है कि अब आतंकी घटनाओं पर सिर्फ निंदा नहीं, बल्कि ठोस और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। ‘पहले तलाशो, फिर बाहर निकालो’ – यह मंत्र अब भारत की आतंकी नीति का अहम हिस्सा बनता जा रहा है।”