अनंत हेगड़े पर एफआईआर, सड़क पर मारपीट का आरोप

पूर्व बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन पर एक शख्स ने बीच सड़क पर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि यह घटना सार्वजनिक स्थान पर हुई, जहां कथित रूप से अनंत हेगड़े ने बहस के दौरान अपना आपा खो दिया और मारपीट की। यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है और विपक्ष ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। हालांकि, अनंत हेगड़े या उनके प्रतिनिधियों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
पूर्व बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार उनके खिलाफ एक स्थानीय व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके अनुसार हेगड़े ने बीच सड़क पर उनके साथ मारपीट की। यह घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले की बताई जा रही है, जहां कथित रूप से एक आपसी बहस के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मारपीट तक की नौबत आ गई।
शिकायतकर्ता ने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा है कि अनंत हेगड़े ने न केवल उसे शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई, बल्कि सार्वजनिक स्थान पर उसकी बेइज्जती भी की। पीड़ित का आरोप है कि हेगड़े ने अपनी राजनीतिक पहचान और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए उसे धमकी भी दी।
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी तक अनंत हेगड़े की तरफ से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले में सबूत जुटाए जा रहे हैं और चश्मदीदों से पूछताछ की जा रही है।
अनंत हेगड़े पहले भी अपने विवादित बयानों और आक्रामक व्यवहार के लिए सुर्खियों में रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे “शक्ति का दुरुपयोग” बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जनप्रतिनिधि कानून से ऊपर हैं? क्या राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर कोई भी व्यक्ति आम नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकता है? जनता और सिविल सोसाइटी इस मामले में निष्पक्ष जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग कर रही है।
अब सबकी नजरें पुलिस जांच और अनंत हेगड़े की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो यह मामला सिर्फ एक कानूनी केस नहीं बल्कि बीजेपी की छवि पर भी असर डाल सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी आने वाले चुनावों की तैयारी में जुटी हुई है।