
न्नई की महिला अदालत ने अन्ना यूनिवर्सिटी में दिसंबर 2024 में हुई छात्रा के साथ बलात्कार मामले में आरोपी ज्ञानशेखरन को 11 आरोपों में दोषी ठहराया है। अदालत ने उसे बलात्कार, धमकी, वीडियो रिकॉर्डिंग और अन्य गंभीर आरोपों में दोषी पाया। सजा का एलान आगामी 2 जून 2025 को किया जाएगा। इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था, जिसमें महिला आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया था। इसके अलावा, राज्य सरकार को पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश भी दिया गया था। यह फैसला राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है।
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चेन्नई स्थित विशेष महिला अदालत में इस मामले की सुनवाई कई महीनों तक चली। पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और डिजिटल सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी ज्ञानशेखरन को दोषी ठहराया। अदालत ने माना कि आरोपी ने न केवल पीड़िता का यौन शोषण किया, बल्कि उसे धमकाने और ब्लैकमेल करने की कोशिश भी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने तेज़ी से कार्यवाही पूरी की।
समाज में बढ़ती चिंता
इस फैसले ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहराते सवालों को एक बार फिर सामने ला दिया है। शैक्षणिक संस्थानों, खासकर उच्च शिक्षा केंद्रों में इस तरह की घटनाओं का सामने आना चिंताजनक है। अन्ना यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में यह घटना सामने आना दर्शाता है कि जागरूकता, सुरक्षा और जवाबदेही को और मज़बूत बनाने की जरूरत है।
सरकार और पुलिस की भूमिका
तमिलनाडु सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की थी। इसमें महिला अधिकारियों को विशेष रूप से शामिल किया गया ताकि पीड़िता को संवेदनशीलता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। राज्य सरकार ने पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा भी देने का आदेश दिया था, जो न्यायिक प्रक्रिया के दौरान एक बड़ी राहत माना गया।
आगामी फैसला और संभावित सजा
अब सबकी निगाहें 2 जून 2025 पर टिकी हैं, जब अदालत आरोपी को सजा सुनाएगी। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि दोषी को उम्रकैद से लेकर कठोर कारावास तक की सजा मिल सकती है, क्योंकि उस पर लगाए गए सभी आरोप गंभीर और साबित हुए हैं। यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों में एक मिसाल बन सकता है।