देश

ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल खरीदने के लिए आसियान सदस्य देशों की दिलचस्पी बढ़ी

  • – फिलीपींस के बाद अब मलेशिया और इंडोनेशिया भी भारत से मिसाइल खरीदने को इच्छुक
  • – यूएई, सऊदी अरब, पश्चिम एशियाई देशों और दक्षिण अफ्रीका ने भी खरीदने की इच्छा जताई

नई दिल्ली। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का फिलीपींस से 374 मिलियन डॉलर का सौदा होने के बाद अब अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस-एनजी के बारे में आसियान सदस्य देशों की दिलचस्पी बढ़ने लगी है। भारत से ब्रह्मोस-एनजी खरीदने के लिए अब मलेशिया और इंडोनेशिया भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस बारे में इंडोनेशिया के साथ अगले महीने आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा होने की संभावना है। इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, दक्षिण अमेरिका के कई देशों विशेषकर ब्राजील, पश्चिम एशियाई देशों और दक्षिण अफ्रीका ने मिसाइल प्रणाली के ब्रह्मोस-एनजी संस्करण में अपनी रुचि व्यक्त की है।

अत्याधुनिक ब्रह्मोस-एनजी के प्रति कई देशों की दिलचस्पी बढ़ते देखकर उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) में इसका उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पूर्व वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को यूपीडीआईसी का मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यहां अगले तीन साल में (2025 तक) ब्रह्मोस-एनजी का निर्माण शुरू किये जाने की योजना है। शुरू में 100 से अधिक मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया गया है लेकिन पांच से सात साल में 900 करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का लक्ष्य है। इस बाबत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और रशियन कंपनी एनपीओएम के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरटेकिंग (एमओयू) हो चुका है। ये कंपनियां शुरू में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।

आसियान सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया हैं। इसमें फिलीपींस से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए 374 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ है। ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए वियतनाम ने भी इच्छा जताई थी लेकिन अभी तक वियतनाम के साथ कोई डील नहीं हुई है। अब भारत से ब्रह्मोस-एनजी खरीदने के लिए मलेशिया और इंडोनेशिया भी इच्छुक हुए हैं। भारत-रूस संयुक्त उद्यम के तहत भारत में बनाई जाने वाली ब्रह्मोस-एनजी को रूसी फाइटर जेट सुखोई-30 में फिट किया जा सकता है, जिसे रॉयल मलेशियाई वायु सेना (आरएमएएफ) उड़ा रही है।

इंडोनेशिया के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की बिक्री के लिए बातचीत पहले से ही एक उन्नत चरण में है। अगले महीने इंडोनेशिया में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इस सौदे पर चर्चा होगी। इंडोनेशियाई नेतृत्व के साथ उनकी बैठक के दौरान द्विपक्षीय वार्ता के एजेंडे के विषयों में से एक होगा। चूंकि इंडोनेशिया के पास पहले से ही किलो श्रेणी की पनडुब्बियों में सुखोई-27 लड़ाकू जेट हैं, इसलिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों को बोर्ड पर फिट करना मुश्किल नहीं होगा। इसके अलावा दक्षिण अमेरिका के कई अन्य देशों विशेषकर ब्राजील, पश्चिम एशियाई देशों और दक्षिण अफ्रीका ने ब्रह्मोस-एनजी संस्करण में अपनी रुचि व्यक्त की है।

चूंकि अगली पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली का एयर वेरिएंट अभी भी विकसित और डिजाइन किए जाने की प्रक्रिया में है, इसलिए कंपनी 300 किलोमीटर की रेंज पर विचार कर रही है। ब्रह्मोस-एनजी मौजूदा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का एक छोटा संस्करण है। इसे ग्राउंड-बेस्ड, एरियल, सरफेस और अंडरवाटर-बेस्ड प्लेटफॉर्म पर तैनात करने के लिए बनाया जायेगा। मिसाइल की लंबाई छह मीटर, व्यास 50 सेंटीमीटर और इसका वजन 1.6 टन है। पहले वाले संस्करण का वजन 3 टन था और उसकी लम्बाई 9 मीटर थी। मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी. और यह 3.5 मैक की गति से उड़ सकती है। ब्रह्मोस-एनजी में कम रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) है, जिससे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को इसकी भनक तक नहीं मिलेगी। नई मिसाइल में स्वदेशी एईएसए रडार भी होगा।

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button