वर्ष 2015 में घटित बहिबल कलां गोलीकांड के मुख्य आरोपित पंजाब पुलिस के पूर्व पुलिस अधीक्षक (SSP) चरणजीत शर्मा को हाई कोर्ट ने राहत देते हुए बहिबल कलां फायरिंग ट्रायल चंडीगढ शिफ्ट कर दिया है।
चरणजीत शर्मा ने इस मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि फरीदकोट में इस केस के ट्रायल के दौरान उनकी जान को खतरा रहता है, इसलिए इस केस का ट्रायल चंडीगढ़ शिफ्ट किया जाए।
2019 में दायर इस याचिका का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट के जिस्टस संदीप मोदगिल ने ट्रायल चंडीगढ़ शिफ्ट करने का आदेश जारी किया।
चरणजीत शर्मा को 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
पंजाब भर में सिखों के पावन ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के उपरांत सडक़ों पर रोषपूर्ण उतरी निहत्थी संगत पर बहिबल कलां और कोटकपूरा में हुए गोलीकांड के मामले में मोगा के पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा समेत कुछ पुलिस अधिकारियों और सियासी नेताओं पर आरोप लगे थे।
इसी संबंध में लंबी जांच के उपरांत स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने चरणजीत शर्मा को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2015 में बहिबल कलां गोलीकांड में पूर्व एसएसपी को मुख्य आरोपित बनाया गया है।
पुलिस की गोलियां लगने से 2 सिख युवकों की मौत हो गई थी। हाई कोर्ट ने वर्ष 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके बाद हुए बहिबल कलां गोलीकांड मामले में आरोपित पुलिस अफसरों के खिलाफ एसआईटी जांच की मंजूरी दी थी।
पंजाब विधानसभा ने इन मामलों की जांच सीबीआइ से वापस लेकर एसआईटी को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था। इन मामलों की जांच के लिए कैप्टन सरकार ने 30 जून, 2018 को रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह के नेतृत्व में आयोग का गठन किया था।
कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट को भी सही ठहराया है। इससे पहले 29 जून, 2016 को शिअद-भाजपा सरकार में गठित जस्टिस जोरा सिंह आयोग का भी गठन किया गया था।
डेरा प्रमुख का ट्रायल भी फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ ट्रांसफर हुआ था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने डेरा प्रमुख का ट्रायल भी फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था।
साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले की 3 एफआईआर दर्ज की गई थी इनमें डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत के खिलाफ आरोप पत्र तय हो चुका है। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल भी फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था।