
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका शुक्रवार को लगा। लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे।
कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अडानी समूह के मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर विजय चौक पर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया। बता दें कि पुलिस ने विजय चौक पर घोषणा की थी कि मार्च कर रहे विपक्षी सांसद आगे मार्च न करें क्योंकि धारा 144 सीआरपीसी लागू है। यहां किसी भी आंदोलन की अनुमति नहीं है। अडानी समूह के मामले में विपक्षी सांसद जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। बिहार में भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा मानहानि मामले में दोषी करार देने पर पटना में कांग्रेस नेताओं ने सप्तमूर्ति सचिवालय से विरोध मार्च निकाला। बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार सहित पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राहुल गांधी सच बोल रहे हैं, उन्होंने संसद में अडानी से संबंधित मुद्दा रखा। क्या ये ग़लत है? आज राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा। इसका मतलब क्या है?…लोकतंत्र को ख़त्म करने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो इस देश में एक दिन तानाशाही आ जाएगी। जनता का पैसा निकालकर ऋण दिया गया। उनका(अडानी समूह) की संपत्ति की कोई जानकारी नहीं ली गई। आज LIC कमजोर हो रहा है, बैंक कमजोर हो रहे हैं। इस पर हम JPC चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, जब कोर्ट का फैसला इनके (कांग्रेस) पक्ष में आता है तो ये कोर्ट की तारीफ करते हैं। कोर्ट का फैसला विरोध में आता है तो कोर्ट की आलोचना करने लग जाते हैं। कोर्ट ने इन्हें माफी मांगने का समय दिया पर इन्होंने घमंड दिखाया
क्या है मामला ?
बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कोलार (कर्नाटक) में चुनावी रैली के दौरान दिए गए ‘सारे चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?’ बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। राहुल पर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने का आरोप था और इस मामले में गुरुवार को उनको सूरत की जिला कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, तत्काल राहुल को राहत मिली और उन्हें जेल जाने से पहले ही कोर्ट से जमानत मिल गई।