संस्कृत और संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए भाजपा कटिबद्ध : नड्डा
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को कहा कि संस्कृत भाषा और संस्कृति 135 करोड़ भारतीयों को एक सूत्र में बांधने वाली अनूठी शक्ति है और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए कटिबद्ध है।श्री नड्डा ने यहां अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित उत्कर्ष महोत्सव का शुभारंभ करते हुए ये उद्गार व्यक्त किये।संस्कृत के तीनों विश्वविद्यालयों केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नयी दिल्ली), लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नयी दिल्ली) और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (तिरुपति) की ओर से संयुक्त रूप से ‘उत्कर्ष महोत्सव’ का आयोजन किया गया है।
उत्कर्ष महोत्सव का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार और संवद्र्धन करना है, जिसकी विषय वस्तु ‘नए शैक्षिक युग में संस्कृत अध्ययन का वैश्विक उन्मुखीकरण’ रखी गई है। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी, नालंदा विश्वविद्यालय (नालंदा) के कुलाधिपति डॉ विजय भाटकर, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (तिरुपति) के कुलपति प्रो. राधाकांत ठाकुर, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नयी दिल्ली) के कुलपति प्रो. मुरलीमनोहर पाठक, आर्थिक परामर्श परिषद् के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (तिरुपति) के कुलसचिव चलावेंकटेश्वर भी उपस्थित थे।
श्री नड्डा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,“ शिक्षा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमारी ज्ञान, विज्ञान, अर्थ, गणित भाषा – सबकी उत्पत्ति की बीज संस्कृत ही है। संस्कृत महज एक भाषा नहीं बल्कि यह विभिन्न आयामों को आगे बढ़ाने का एक सद्मार्ग है। पुरातन ज्ञान को संजो कर रखने वाली भाषा भी संस्कृत ही है। संस्कृत को आगे बढ़ाने के इस महान कार्य के लिए सबका आभार है।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा ,“ जहां संस्कृत है, वहीं संस्कृति है और वही हमारी विचारधारा भी है। संस्कृति के साथ-साथ यह विकास का भी माध्यम है। संस्कृत देवभाषा और अमृत वाणी है। हम सबको अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का माध्यम संस्कृत ही है। सबसे पुरानी पुस्तक ऋग्वेद भी संस्कृत में ही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और भाजपा, संस्कृत और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध भाव से काम कर रही है। हम संस्कृति का संरक्षण कर रहे हैं। भारत की पुरातन परंपरा और महान संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हमारी पार्टी प्रतिबद्ध है। संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए मोदी सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। यह निश्चित रूप से संस्कृत और संस्कृति के संवर्धन के लिए सबसे अच्छा काल है। ऐसा काल सदैव बना रहे, यह आप और हम सब की जिम्मेवारी है।”