CBI ने अपने हाथों में ली बीरभूम हिंसा की जांच, CFSL विशेषज्ञों समेत वरिष्ठ अधिकारी किए गए रवाना
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पश्चिम बंगाल में रामपुरहाट, बीरभूम हिंसा मामले को अपने कब्जे में ले लिया है. एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी और सीएफएसएल विशेषज्ञों सहित टीम को भेजा गया है. दरअसल बीरभूम की हिंसा को समाज की चेतना को झकझोर देने वाला बताते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को राज्य पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में लेने और सुनवाई की अगली तारीख पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने बुधवार को मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने कहा कि तथ्य और परिस्थितियों की मांग है कि न्याय के हित और समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
CBI has taken over the Rampurhat, Birbhum violence case in West Bengal and dispatched the team, including senior officer and CFSL experts, to investigate the case: Agency sources
— ANI (@ANI) March 25, 2022
कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले का विपक्षी दलों ने स्वागत किया और आरोप लगाया कि राज्य पुलिस, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है तथा इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है. तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार के मातहत काम कर रही एजेंसी पर निष्पक्ष जांच को लेकर भरोसा किया जा सकता है. उसने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों को घेरने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करती रही है. ममता बनर्जी के अगुवाई वाली TMC ने कहा कि सीबीआई को जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा लेकिन अगर भगवा पार्टी ने टीएमसी नेताओं को प्रताड़ित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन होंगे.
सात अप्रैल को होगी मामले में सुनवाई
गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम सीबीआई को निर्देश देते हैं कि वह मामले की जांच तुरंत अपने हाथ में ले और सुनवाई की अगली तारीख पर प्रगति रिपोर्ट हमारे सामने पेश करे.’’ इस मामले पर अब सात अप्रैल को सुनवाई होगी. पीठ ने इस घटना के ‘‘देशव्यापी प्रभाव’’ को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से केंद्रीय एजेंसी को पूर्ण सहयोग देने को कहा.
(भाषा इनपुट के साथ)