केंद्रीय बजट को पंजाब को ‘अलग-थलग’ महसूस कराने वाला बजट बताते हुए लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि इस बजट में पंजाब का जिक्र तक नहीं किया गया। लोकसभा सत्र में बजट पर बहस में भाग लेते हुए मीत हेयर ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि कम से कम पंजाबियों को तो जवाब दे कि केंद्र सरकार पंजाब से इतनी नफरत क्यों करती है। पंजाब के किसानों ने देश को भुखमरी से बचाया और हमारे नौजवानों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन केंद्र सरकार हमें सम्मान देने की बजाय अलगाववादी रवैया अपना रही है।
संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद मीत हेयर भावुक हो गए और कहा को देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हमारे कीमती प्राकृतिक संसाधन, पानी और जमीन भी नष्ट हो जाते हैं। लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इतना सब होने के बावजूद पंजाब को बजट से बाहर रखा गया, जिससे केंद्र सरकार का पंजाब विरोधी चेहरा उजागर हुआ। पंजाब का पक्ष मजबूती से रखते हुए सांसद ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को पंजाब के किसानों और नौजवानों की कुर्बानियों का सम्मान है तो राज्य को विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए तथा उद्योग के लिए अलग से विशेष योजना बनाई जानी चाहिए।
बजट में बाढ़ रोकथाम के लिए पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों को धनराशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था का कड़ा विरोध करते हुए सांसद ने कहा कि जब भी हमारे पड़ोसी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश होती है तो पंजाब में आपदा आती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आई बाढ़ के कारण पंजाब में काफी उपजाऊ भूमि नष्ट हो गई है, जिस पर किसान दो दशक तक खेती नहीं कर सकते। केंद्रीय बजट को किसान, युवा, महिला व गरीब विरोधी बजट बताते हुए मीत हेयर ने कहा कि उर्वरक सब्सिडी में 27 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिससे किसानों की आय और कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए बजट में कटौती से देश के विकास को बड़ा झटका लगेगा। मीत हेयर ने केंद्रीय बजट पर तीखा कटाक्ष करते हुए इसे ‘दो का विकास, बाकी सब दा सत्यानास’ करार दिया।