पंजाब में इन दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं चरणजीत सिंह चन्नी, आज जारी होगी कांग्रेस की पहली लिस्ट
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी राज्य में 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं. मामले से परिचित नेताओं ने कहा कि चमकौर साहिब सीट के अलावा, जहां उन्होंने लगातार तीन चुनाव जीते हैं, कांग्रेस उन्हें जालंधर जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारने पर भी विचार कर रही है.
चुनाव आयोग पांच राज्यों में विभानसभा चुनावों का ऐलान कर चुका है. आयोग के मुताबिक पंजाब में 14 फरवरी को वोटिंग की जाएगी. जान लें कि पंजाब में ये चुनाव एक चरण में होगा. बताया जा रहा है कि आज कांग्रेस विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है.
इस सब के बीच कल कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कांन्फ्रेंस की. इस दौरान सिंद्धू ने कहा कि अब वह पंजाब में कांग्रेस मॉडल चलाएंगे, माफिया मॉडल अब नहीं चलेगा. नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं पंजाब में हर तरह की माइनिंग होती है. अब तक माफिया राज चल रहा था. माफिआयों ने सरकार की नीतियों तक को लागू नहीं होने दिया.
सिद्धू कहां से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव?
कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने कहा कि अभी तक पंजाब में माफियाओं को पनपने दिया गया. हमें रेत का भाव तय करना होगा. जब हर चीज का दाम तय है तो इसका भी होना चाहिए. अगर रेत की कीमत तय होती तो सवाल ही नहीं होता. रेत की डिलीवरी के लिए ऑनलाइन बुकिंग होनी चाहिए.
अनुसूचित जाति (एससी) राज्य की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा है, और लगभग 45% एससी वोट इस दोआबा क्षेत्र में केंद्रित हैं. बहुजन समाज पार्टी के साथ शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन के प्रभाव को नकारने की कोशिश करने और नकारने के लिए चन्नी लगातार यात्राओं और घोषणाओं के माध्यम से इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
सिद्धू के बयानों से असहज हुए चन्नी
पंजाब कांग्रेस कमेटी नवजोत सिंह सिद्धू के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकती है. पार्टी में एक खेमा ऐसा भी है कि वह सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ चुनावी मैदान में देखना चाहते हैं. आपको बता दें कि सिद्धू ने कांग्रेस में आते ही कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि, क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू कई मौकों पर चरणजीत सिंह चन्नी को भी अपने बयानों से असहज करते दिखे हैं.
अगर चन्नी को दोआबा से भी उतारा जाता है, तो यह एक सकारात्मक संदेश जाएगा और वहां पार्टी के पीछे एससी को रैली करेगा. साथ ही अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो मैं सीएम पद पर उनके दावे को भी मजबूत नहीं करूंगा.पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने कहा, एकमात्र दोष यह है कि इससे पार्टी में अंदरूनी कलह तेज हो सकती है. हालांकि, आदमपुर एक आसान मुकाबला नहीं होने वाला है क्योंकि SAD ने इसे लगातार तीन बार (2007, 2012 और 2017) जीता था.