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रक्षा मंत्री ने पनडुब्बी ‘आईएनएस खंडेरी’ से की चार घंटे समुद्र के अन्दर यात्रा

  • स्टील्थ पनडुब्बी का पानी के भीतर संचालन की क्षमताओं का किया गया प्रदर्शन
  • राजनाथ सिंह बोले, नौसेना की तैयारियां किसी आक्रमण को उकसाने वाली नहीं

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को ‘आईएनएस खंडेरी’ पनडुब्बी में सवार हुए और समुद्र के अन्दर चार घंटे यात्रा की। उनके साथ भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार भी मौजूद रहे। उन्होंने ट्वीट किया कि आज ‘आईएनएस खंडेरी’ की मेरी समुद्री यात्रा के दौरान एक अद्भुत और रोमांचकारी अनुभव रहा। समुद्र के नीचे घंटों बिताए और अत्याधुनिक कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी की लड़ाकू क्षमताओं और आक्रामक ताकत को देखा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कारवार नौसेना बेस की दो दिवसीय यात्रा पर कर्नाटक गए हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन आज राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना की सबसे शक्तिशाली पनडुब्बी ‘आईएनएस खंडेरी’ में सवार हुए और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के साथ समुद्र के अन्दर की यात्रा की। रक्षा मंत्री को अत्याधुनिक कलवरी श्रेणी की इस पनडुब्बी की लड़ाकू क्षमताओं और आक्रामक ताकत के बारे में जानकारी दी गई। उनके सामने चार घंटे से अधिक समय तक स्टील्थ पनडुब्बी के पानी के भीतर संचालन की क्षमताओं के पूर्ण स्पेक्ट्रम का प्रदर्शन किया गया। पनडुब्बी रोधी मिशन और ऑपरेशनल सॉर्टी के साथ पश्चिमी बेड़े के जहाजों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा समुद्री टोही विमान पी-8आई, सी किंग हेलीकॉप्टर, मिग 29-के लड़ाकू विमानों ने फ्लाई पास्ट किया।

रक्षा मंत्री ने पनडुब्बी के चालक दल के साथ भी बातचीत करके चुनौतीपूर्ण माहौल में संचालन करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने समुद्री क्षेत्र में किसी भी खतरे से निपटने के लिए उच्च स्तर की तत्परता और आक्रामक क्षमता बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना की प्रशंसा की। रक्षा मंत्री ने कहा कि सितंबर, 2019 में आईएनएस विक्रमादित्य को शुरू करने और इस महीने की शुरुआत में लंबी दूरी के समुद्री टोही पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान पी-P8आई पर उड़ान भरने के बाद अब भारतीय नौसेना की त्रि-आयामी युद्ध क्षमता को पहली बार देखा है। रक्षा मंत्री ने ‘आईएनएस खंडेरी’ को देश की ‘मेक इन इंडिया’ क्षमताओं का एक चमकदार उदाहरण बताया।

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के ऑर्डर पर 41 जहाजों और पनडुब्बियों में से 39 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है। रक्षा मंत्री ने उन्नत सेंसर सूट, युद्ध प्रणाली और हथियार क्षमता का प्रदर्शन करते हुए पनडुब्बी के साथ परिचालन अभ्यासों की एक विस्तृत श्रृंखला देखी। उन्हें दुश्मन के पनडुब्बी रोधी अभियानों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की एक झलक भी दिखाई गई। समुद्री यात्रा के बाद मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारतीय नौसेना को दुनिया की अग्रिम पंक्ति की नौसेनाओं में गिना जाता है। आज दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री ताकतें भारत के साथ काम करने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारतीय नौसेना की तैयारियां किसी भी आक्रमण के लिए उकसाना नहीं है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की गारंटी है।

दो दिवसीय दौरे के पहले दिन 26 मई को रक्षा मंत्री ने कर्नाटक नौसेना क्षेत्र के रक्षा कर्मियों और उनके परिवारों के साथ बातचीत की। उनका स्वागत नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर और कर्नाटक नौसेना क्षेत्र (एफओके) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल अतुल आनंद ने किया। रक्षामंत्री ने दौरे के दूसरे दिन आज सुबह कर्नाटक नेवल एरिया बीच, कारवार पर नौसैन्य कर्मियों के साथ योगाभ्यास किया।

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