एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया रद्द करने के संबंध में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रद्द कर दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि विनिवेश की प्रक्रिया एक नीतिगत निर्णय है. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही थी और सरकार अधिक नुकसान नहीं उठा सकती थी. वहीं टाटा संस की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया है कि एयर इंडिया की बोली लगाने वाली कंपनी 100 प्रतिशत भारतीय है.
बता दें अपनी याचिका में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया मनमानी, भ्रष्ट, दुर्भावनापूर्ण, असंवैधानिक और जनहित के खिलाफ थी. उन्होंने याचिका में यहां तक आरोप लगाया है कि टाटा संस ने इस संबंध में धांधली की गई है. स्वामी ने अधिवक्ता सत्य सबरवाल के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने का भी अनुरोध किया था.
In Delhi High Court, Central Govt opposes BJP MP Subramanian Swamy's plea seeking quashing of Air India disinvestment process, says disinvestment is a policy decision pic.twitter.com/XyJPpFjFWa
— ANI (@ANI) January 4, 2022
एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की बिक्री हुई है
पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने टाटा संस की एक कंपनी द्वारा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 प्रतिशत शेयरों के साथ-साथ ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ कंपनी एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेश की गई उच्चतम बोली को स्वीकार किया था.
इस महीने डील पूरा होने की है उम्मीद
इधर माना जा रहा है कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपने का काम इस महीने पूरा हो सकता है. रेग्युलेटरी अप्रूवल में विलंब के कारण जो डील दिसंबर के अंत तक पूरी हो जानी चाहिए थी, वह अब महीने में पूरी होगी. 20 दिसंबर को CCI यानी कॉम्पटिशन कमिशन ऑफ इंडिया से भी इस डील को मंजूरी मिल गई थी.
18 हजार करोड़ में हुई यह डील
सरकार ने 25 अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपए में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीद समझौता किया था. टाटा सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपए नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपए के कर्ज की देनदारी लेगी.
एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ का बकाया
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार को इस सौदे के तहत मिलने वाली नकद राशि अधिग्रहण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही मिलेगी. एयर इंडिया वर्ष 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही थी. पिछले 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का बकाया था.