देश

चाइनीज ऐप्स की लूट : बांटे 173 करोड़ के लोन, मगर भारतीयों से वसूले ₹11,717 करोड़

भारत में कर्ज बांटने वाले चाइनीज लोन ऐप्स ने भारतीयों को झटपट लोन देकर अरबों रुपये कमा लिए. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रॉस बार्डर हवाला लेनदेन की जांच के बाद खुलासा किया कि इस खेल में चीन की एक गेमिंग कंपनी का प्रमुख शामिल है. चीनी कंपनी ने ऐप्स के जरिये भारत में शुरुआती तौर पर 173 करोड़ रुपये का निवेश किया, फिर लोगों को मोटे ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में उलझाकर 11,717 करोड़ रुपये वसूल लिए. ईडी का कहना है कि इस खेल में पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज नामक कंपनी भी शामिल है, जिसने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मिले गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFI) के सर्टिफिकेट का फायदा उठाया और मानदंडों का उल्लंघन कर अरबों रुपये अवैध तरीके से हवाला के जरिये दूसरे देशों में पहुंचा दिए. बता दें कि तेलंगाना पुलिस ने कर्ज के जाल में उलझाने वाले ऐसे 150 ऐप की पहचान की है और गूगल प्ले स्टोर से इनका ब्योरा मांगा है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) को हाल में पता चला कि चीन की एक कंपनी ने आरबीआई में गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के तौर पर रजिस्टर्ड पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (PCFS) को अवैध तरीके से पैसे भेजे . बाद में इस रकम को पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज ने चीन, हांगकांग, ताइवान और सिंगापुर में वापस भेज दिया गया. जांच में सामने आया कि इस कंपनी ने आरबीआई के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का फायदा उठाते हुए चीन के लोन मोबाइल ऐप के साथ काम किया, जो केवाईसी के नियमों का उल्लंघन है.

कैसे मचाई चीनी ऐप्स ने भारत में लूट

पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (PCFS) ने चीनी से हवाला के जरिये मिली रकम को कैशबीन जैसे ऐप के जरिये लोन के तौर पर बांटे. ऐसे लोन आज भी बांटे जा रहे हैं. इसके तहत कंपनी के प्रतिनिधि ऑनलाइन एप्लिकेशन के जरिये तुरंत लोन देने का वादा करते थे. इस दौरान वह लोन लेने वाले ग्राहकों के फोन से पर्सनल डेटा टैकर्स के जरिये चुरा लेते थे. पहले तो वह प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोन की रकम की 15 से 25 फीसद राशि वसूलते थे. जब एक बार ग्राहक लोन लेता था तो रकम चुकाने के लिए 2 सप्ताह की मोहलत देते था. अगर ग्राहक भुगतान नहीं कर पाता था तो 1,500 से 2,000 प्रतिशत ब्याज दर से जुर्माना लगाते थे. जब रकम बड़ी हो जाती तो वे उधार लेने वाले परिवार के सदस्यों को भी परेशान करते थे. लोगों को कर्ज के जाल में फंसाने और बाद में परेशान करने के लिए कैशबीन ने कॉल सेंटर खोल रखे थे. इस तरह उन्होंने एक साल में 11,717 करोड़ रुपये बना लिए.

प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि लोन कंपनी ने फर्जी फ्लाइट टिकट और नकली क्लाउड सीसीटीवी स्टोरेज रेंटल चार्ज इनवॉइस बनाकर ऑफशोर पैसे को डायवर्ट किया. प्रवर्तन एजेंसी ने यह भी पाया कि कंपनियों ने सीमा पार लेनदेन को अंजाम देने के लिए सॉफ्टवेयर आयात के लिए नकली चालान बनाए थे. ईडी ने दावा किया है कि पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (PCFS) को शेल कंपनियों के जरिये एक चीनी नागरिक झोउ याहुई द्वारा नियंत्रित किया जाता है. याहुई चीन में सबसे बड़े ऑनलाइन गेम डेवलपर और डिस्ट्रिब्यूटर कुनलुन टेक के प्रमुख हैं. जांच के दौरान पता चला कि हवाला का पैसा उनकी कंपनी के खाते में वापस आ गया. याहुई के पास 2.2 बिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति होने की सूचना है.

बता दें कि लोन देने वाले चीनी ऐप बिना गारंटर के पैसे उधार देते हैं मगर उच्च ब्याज वसूलते हैं. Google Play Store में वह आसानी से दिख जाते हैं. ऐसे चीनी ऐप्स ने सिर्फ तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये लूटे हैं. इन ऐप्स को हमेशा रीब्रांड किया जाता है. साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए तेलंगाना पुलिस ने गूगल को पत्र लिखकर लोन ऐप्स की डिटेल मांगी है. पुलिस ने कैश बीइंग, ईजी लोन, लकी रुपया, इनफिनिटी कैश और मिनट कैश के अलावा ऐसे 150 ऐप की पहचान की है, जो मिनटों में 10,000 से 2 लाख रुपये उधार देने का दावा करते हैं. लोन की रकम को 15 से 21 दिनों के भीतर चुकाना होता है. चीन-आधारित ऐप इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर इंस्टेंट लोन का विज्ञापन कर रहे हैं. पुलिस ने लोगों को इंस्टेंट लोन ऐप्स से दूर रहने की सलाह दी है.

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button