प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, इस उद्घाटन को लेकर राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। विपक्ष के 19 राजनीतिक दलों ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। इन सबके बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान आया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि देश की उन्नति दुनिया के सामने है। दुनिया भारत का सम्मान कर रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 70 साल में जितना विकास नहीं हुआ, उतना विकास पिछले 8-9 साल में हुआ है। जनता सब जानती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सारे रिकॉर्ड प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में टूट जाएंगे।
शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है, इसलिए हमने फैसला किया है कि शिरोमणि अकाली दल 28 मई को उद्घाटन समारोह में शामिल होगा। हम विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत नहीं हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित उन्नीस विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान में घोषणा की कि वे 28 मई को नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करेंगे। विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
9 विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। इसमें राजनिती नहीं करनी चाहिए। बहिष्कार कर एक बिना-बात का मुद्दा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मैं उनसे अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करने की अपील करूंगा और कृपया कर इसमें शामिल हों। स्पीकर संसद का संरक्षक होता है और स्पीकर ने प्रधानमंत्री को अमंत्रित किया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है।