नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के 40 किसान संगठनों ने सोमवार को अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया। इस दौरान देश के कई राज्यों के किसानों और किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के आह्वान पर यह महापंचायत आयोजित की गई।
इस महापंचायत से संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को दूर रखा । इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी योगेन्द्र यादव ने अपने बयान में कहा कि जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि आज के महापंचायत में देश भर के लगभग 40 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। यह महापंचायत 09 सूत्रीय मांगों को लेकर आयोजित की गई थी। शाम चार बजे महापंचायत खत्म होने के बाद किसान नेता अपने 09 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंप पर आंदोलन समाप्त कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि इस महापंचाय के माध्यम से किसानों की मांग है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में पीड़ित किसान परिवारों को न्याय मिले और जेलों में बंद किसानों को रिहा किया जाए। लखीमपुर खीरी हिंसा में शामिल केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को गिरफ्तार किया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूर्ण रूप से माना जाए।किसानों का संपूर्ण ऋण माफ किया जाए।
किसान संगठनों ने किसानों के बिजली के बिल माफ करने से साथ-साथ गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने, भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ ) से बाहर निकलने और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द करने की भी मांग की। इसके साथ ही अन्य मागों जैसे किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने, अग्निपथ योजना को वापस लेने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान और देश में बढ़ती महंगाई और रोजगार के मुद्दों को लेकर महापंचायत आयोजित की गई।