हरियाणा के महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल ने कहा कि सरकार ने बच्चों की देखभाल के लिए 500 क्रेच खोलने का लक्ष्य रखा है, आवश्यकता पड़ने पर और भी क्रेच खोले जाएंगे।
सरकार ने अपनी “क्रेच-नीति” के अनुरूप एक व्यापक बजट को मंजूरी दी है। वर्ष 2024-25 के लिए 3215 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं, जो महिला एवं बाल कल्याण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
असीम गोयल ने बताया कि छोटे बच्चों की देखभाल के लिए सरकार ने 2020 में राज्य में 500 क्रेच खोलने का फैसला किया था। इस लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले चरण में 16 जिलों में 165 क्रेच खोले हैं, जिनमें 4,500 से अधिक बच्चों की देखभाल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अपनी खुद की “क्रेच-पॉलिसी” बनाई है, जो अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह फैसला न केवल बच्चों के विकास में सहायक होगा, बल्कि महिलाओं को अपने परिवार की आर्थिक स्थिरता में योगदान देने में भी मदद करेगा।
महिला कर्मचारियों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण कामकाजी महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
“क्रेच-नीति” का विवरण देते हुए मंत्री ने कहा कि महिलाओं के कार्यस्थलों के निकट स्थित ये क्रेच केन्द्र, छह माह से छह वर्ष की आयु के बच्चों की आठ से दस घंटे तक देखभाल कर सकते हैं तथा कुशल और प्रशिक्षित कर्मचारी खेल, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा और शारीरिक विकास जैसी गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं।
क्रेच में पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है, जिसका खर्च राज्य सरकार उठाती है। मंत्री ने बताया कि शिशुओं के लिए फीडिंग रूम भी हैं, जहां माताएं निर्धारित लंच ब्रेक के दौरान अपने शिशुओं को दूध पिला सकती हैं।
भावी नीतियों के बारे में असीम गोयल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग बढ़ती मांग के अनुरूप क्रेच केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है।
विभिन्न जिलों में क्रेच कार्यकर्ताओं, सहायकों, पर्यवेक्षकों और बच्चों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चों के समग्र विकास के लिए समर्पित है।