हरियाणा के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद की अध्यक्षता में आज यहां ग्रीन इंडिया मिशन के तहत राष्ट्रीय वनरोपण कार्यक्रम (एन.ए.पी.) की राज्य वन विकास एजेंसी (एस.एफ.डी.ए.) की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्रीन इंडिया मिशन (जी.आई.एम.) के लिए वार्षिक संचालन योजना (ए.पी.ओ.) को मंजूरी दी गई।
हरियाणा में, शिवालिक और मैदानी क्षेत्रों के लिए इस योजना को मंजूरी दी गई है। शिवालिक क्षेत्र में तीन जिले-पंचकूला, यमुनानगर और अंबाला शामिल जबकि मैदानी क्षेत्र में 11 जिले-कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, रोहतक, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और कैथल शामिल हैं।
इस योजना का उद्देश्य वन क्षेत्र को बढ़ाना, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में सुधार करना और विभिन्न क्षेत्रों में कृषि वानिकी तथा सामाजिक वानिकी को बढ़ावा देना है।
कमेटी द्वारा वर्ष 2024-25 हेतु ए.पी.ओ. के लिए 115.39 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई, जिसमें मैदानी क्षेत्रों (प्लेन लैंडस्केप) के लिए 85.34 करोड़ रुपये और शिवालिक क्षेत्रों के लिए 30.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बैठक के दौरान बताया गया कि ग्रीन इंडिया मिशन ने हरियाणा में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो अपनी परिदृश्य-आधारित योजना और कार्यान्वयन रणनीति के हिस्से के रूप में शिवालिक और मैदानी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इन क्षेत्रों के लिए परिप्रेक्ष्य योजना को मंजूरी दे दी गई है तथा आवश्यक धनराशि भी मुहैया करा दिया है।
शिवालिक क्षेत्र में, वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 1,706 हेक्टेयर क्षेत्र को लक्षित किया गया, जिसे सफलतापूर्वक हासिल भी किया गया। इसमें 800 हेक्टेयर में अग्रिम कार्य और 906 हेक्टेयर में सृजन गतिविधियां शामिल हैं।
इसी तरह, मैदानी क्षेत्र में, कुल लक्षित क्षेत्र 1,204 हेक्टेयर था, जिसमें से 978.5 हेक्टेयर का लक्ष्य हासिल किया गया। इसमें 540 हेक्टेयर में अग्रिम कार्य और 427 हेक्टेयर में सृजन गतिविधियां शामिल हैं। ये उपलब्धियाँ सतत वन प्रबंधन और पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के लिए हरियाणा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
शिवालिक क्षेत्र में, यमुनानगर, अंबाला और मोरनी-पिंजौर जैसे विशिष्ट मंडलों ने अपने लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से हासिल किया है। यमुनानगर मंडल ने 178 हेक्टेयर अग्रिम कार्य और 381 हेक्टेयर सृजन का लक्ष्य हासिल किया है। अंबाला और मोरनी-पिंजौर मंडलों में भी इसी तरह की सफलता मिली है। इन प्रयासों का क्षेत्र में समग्र प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है।
मैदानी क्षेत्र में कैथल, जींद और सोनीपत जैसे वन मंडलों ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कैथल मंडल ने 132 हेक्टेयर अग्रिम कार्य और 65 हेक्टेयर सृजन कार्य किया।
जबकि जींद मंडल ने 52 हेक्टेयर में अग्रिम कार्य और 220 हेक्टेयर में सृजन कार्य पूरा किया। पानीपत, करनाल, झज्जर, रोहतक और कुरुक्षेत्र जैसे अन्य मंडलों ने भी मिशन के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।