‘डॉट के नाम पर धमकी भरी कॉल पर ध्यान न दें, शिकायत दर्ज कराएं’, दूरसंचार विभाग ने लोगों को दी सलाह
नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (डॉट) ने नागरिकों को ऐसी फर्जी कॉलों पर ध्यान न देने की सलाह दी है जिसमें उनके मोबाइल नंबरों को डिस्कनेक्ट करने की धमकी दी जाती हो। विभाग ने मंगलवार को लोगों को ऐसी कॉल आने पर उसकी शिकायत संचारसाथी.जीओवी.इन/एसएफसी पर करने की सलाह दी।
विभाग का कहना है कि ऐसी कॉल में मोबाइल नंबरों का कुछ अवैध गतिविधियों में दुरुपयोग किए जाने की बातें भी कहीं जाती हैं। विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार साइबर अपराध के संबंध में लोगों की शिकायत पर पूरे देश में अब तक 1.86 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लाक किए जा चुके हैं। दूरसंचार विभाग ने विदेशी मूल के मोबाइल नंबरों (जैसे +92-xxxxxxxxx) से सरकारी अधिकारियों के नाम पर लोगों को ठगने वाले व्हाट्सएप कॉल के बारे में भी सलाह जारी की थी।
मंत्रालय ने आज एक विज्ञप्ति में कहा कि साइबर अपराधी ऐसी कॉल के जरिए साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए धमकी देने या निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। विज्ञप्ति में यह भी कहा कि है कि डॉट/ट्राई अपनी ओर से किसी को भी इस तरह की कॉल करने के लिए अधिकृत नहीं करता है।
डॉट ने नागरिकों को पहले से ही साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार होने की स्थिति में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबरक्राइम.जीओवी.इन पर रिपोर्ट करने की सलाह देता है। विभाग ऐसी शिकायतों पर अब तक दुर्भावनापूर्ण और फ़िशिंग एसएमएस भेजने में शामिल 52 प्रमुख संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है और 700 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट निष्क्रिय कर दिए गए हैं।
इसी तरह सभी दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क में अखिल भारतीय आधार पर 348 मोबाइल हैंडसेट ब्लैकलिस्ट किए गए हैं तथा 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को दूरसंचार ऑपरेटरों को पुन: सत्यापन के लिए चिह्नित किया गया। इनमें 30 अप्रैल तक सत्यापित न होने वाले 8,272 मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं। विभाग ने कहा है कि साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण पूरे भारत में 1.86 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं।