IMD इस साल 150वें साल में करेगा प्रवेश, 15 जनवरी से शुरू होगा जश्न, सालभर होंगे आयोजन
मौसम हर इंसान के जीवन से जुड़ा है. इसका सकरात्मक और नकरात्मक असर सभी पर पड़ता है. मौसम के बिगड़ने से जहां कोई एक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से बीमार पड़ सकता है. वहीं इसका असर किसी देश या पूरे विश्व की अर्थव्यस्था पर अल्पकालीक और दीर्धकालीक पड़ता है. मौसम में बदलाव को तो रोका नहीं जा सकता है. लेकिन मौसम का पूर्वानुमान कर इसके कहर से बचा जा सकता है. साथ ही इसके अनुरूप फसल का चयन, कारोबार, यात्रा प्लान सहित अन्य प्लानिंग संभव है. मौसम के बारे में पूर्वानुमान के लिए जरूरी है कि समय के अनुरूप आधुनिक मौसम विज्ञान प्रयोगशालाएं हो. संयोगवश 15 जनवरी 1875 में कोलकाता में भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) स्थापित किया जा चुका था. 2025 में इसके 150 साल पूरा हो रहे हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों के अनुसार 150 वर्ष पूरा होने पर एक भव्य कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन होने जा रहा है. साल भर चलने वाले इस आयोजन में कई प्रकार के कार्यक्रम होंगे. इसके तहत वर्कशाप, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, प्रदर्शनी, छात्रों के साथ इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन तय है. इन आयोजनों का उद्देश्य मौसम विज्ञान केंद्रों के काम-काज के बारे में लोगों को अवगत कराना, युवाओं और बच्चों के इस फिल्ड में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
15-16 जनवरी को विज्ञान भवन में भव्य प्रदर्शनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए विज्ञान भवन में 15 और 16 जनवरी 2024 को भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा. उद्योग, शिक्षा, शैक्षणिक संस्थान, वैज्ञानिक समुदाय सहित अन्य फिल्ड के प्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
IMD की जिम्मेदारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग की जिम्मेदारी आम जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए मौसम और जलवायु संबंधित डेटा, जानकारी व पूर्वानुमान को आम लोगों और संबंधित एजेंसियों के साथ नियमित तौर पर जानकारी शेयर करना है. एक तरह से कहें तो इस संस्था ता राष्ट्र के विकास में अमूल्य योगदान है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रभाग
भारत मौसम विज्ञान विभाग के काम का दायरा काफी विस्तृत है. बेहतर कार्य संचालन और समन्वय के लिए के लिए इसे कई प्रभागों में बांटा गया है. सभी प्रभागों की अपनी-अपनी जिम्मेदारी है. इन प्रभागों के अलावा किसी बड़े आयोजन या मौसम संबंधी बदलाव या समस्याओं को ध्यान में रखकर विशेष प्रभागों को स्थापित किया जाता है.