इमरान खान ने पाकिस्तान को अराजकता की ओर धकेला : शहबाज शरीफ
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रविवार को नेशनल असेंबली में हुए उठापटक के बाद राजनीतिक अस्थितरता के साथ कयास और आरोपों का दौर तेज हो गया है। पाकिस्तानी संसद को भंग करने के साथ अगले 3 माह में चुनाव कराने की पीएम इमरान खान की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी को विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने उच्च स्तर का राजद्रोह करार दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने देश को अराजकता में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि नियाजी और उनके साथियों को मुक्त नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही शहबाज ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट संविधान को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएगा।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल-भुट्टो जरदारी ने कहा कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने देकर संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने भी कोर्ट व सभी न्यायिक संस्थानों से पाकिस्तान के संविधान की रक्षा करने, उसे बनाए रखने, बचाव करने और उसे लागू करने का आह्वान किया। पीपीपी के मुस्तफा नवाज खोखर ने सरकार के इस कदम को संविधान और नियमों का घोर उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केवल दर्शक बनकर नहीं बैठ सकता और न ही बैठना चाहिए। चीफ जस्टिस को तुरंत बेंच के पास ले जाना चाहिए और देश को संवैधानिक संकट से बचाना चाहिए।
पागलपंथी कट्टरपंथी को किया जाए दंडित: मरियम नवाज
इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि किसी को भी अपनी सीट बचाने के लिए संविधान को विकृत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अगर इस कट्टरपंथी को इस अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाता, तो जंगल का कानून होगा।
90 दिनों के भीतर होंगे चुनाव
रविवार को नेशनल एसेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ बहुप्रतीक्षित अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के विपरीत है। बर्खास्तगी के कुछ ही मिनटों बाद एक टेलीविजन संबोधन में इमरान खान ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को सभी विधानसभाओं को भंग करने की सलाह दी थी, जिससे मध्यावधि चुनाव का मार्ग प्रशस्त हुआ। राष्ट्रपति ने प्रस्ताव पर ध्यान देते हुए नेशनल एसेंबली को भंग कर दिया और सूत्रों के अनुसार 90 दिनों की अवधि के भीतर चुनाव कराए जाएंगे।