

“भड़काऊ कविता के मामले में इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द कर दिया और यह स्पष्ट किया कि मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। यह फैसला एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रगति है, जो व्यक्तित्व की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सुनिश्चित करता है। इस फैसले से यह संदेश जाता है कि राज्य या समाज की कोई भी शक्ति किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकती।”