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पाक अधिकृत हिस्से को आजाद जम्मू-कश्मीर कहे जाने पर भारत ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी राजदूत की ओर से पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर को ‘आजाद जम्मू-कश्मीर’ कहे जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों को भारत की आपत्ति से अवगत कराया गया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राजदूत ने गत दिनों पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद स्थित पाकिस्तान-अमेरिका नागरिक संस्था के एक प्रतिनिधिमंडल के स्वागत में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। बाद में राजदूत ने एक ट्वीट में इस क्षेत्र को आजाद जम्मू-कश्मीर के रूप में संबोधित किया था। पूर्व में अमेरिका इस क्षेत्र के बारे में पाकिस्तान प्रशासित (जम्मू-कश्मीर) शब्द का प्रयोग करता था।

छह भारतीयों की मौत पर भारत ने जताई चिंता

प्रवक्ता ने पाकिस्तान की जेलों में बंद छह भारतीय नागरिकों की मौत पर चिंता व्यक्त की है। इनमें से पांच मछुआरे थे। प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी भारतीय नागरिकों की सजा की अवधि पूरी हो गई थी। उन्हें गैर-कानूनी रूप से जेल में रखा गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को वहां की जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रवक्ता ने बंदी भारतीयों की रिहाई की मांग की।

चीन के साथ अभी सामान्य संबंध जैसी स्थिति नहीं

प्रवक्ता ने भारत-चीन संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुछ सकारात्मक घटनाक्रम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना है। टकराव के सभी बिन्दुओं से सेनाओं को पीछे हटाने और सैनिक एकत्रीकरण को खत्म करने के लिए काम होना बाकी है। ऐसा होने पर ही व्यापक द्विपक्षीय संबंध सामान्य हो सकेंगे। अभी ऐसी स्थिति नहीं है। प्रवक्ता ने भारत-चीन के बीच सीमा संबंधी विचार-विमर्श एवं समन्वय संबंधी वार्ता प्रक्रिया (डब्ल्युएमसीसी) की अगली बैठक के बारे में कहा कि इसकी तिथि अभी तय नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के मसले पर समग्रता से विचार कर लिया निर्णय

प्रवक्ता ने रूस द्वारा यूक्रेन के चार प्रांतों को अपने साथ जोड़ने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने पर जोर देता रहा है। जहां तक इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लेने का सवाल है, भारत ने पूरे मसले पर समग्रता से विचार कर फैसला लिया था।

शिनजियांग मसले पर भारत की अपेक्षा है कि नागरिकों के मानवाधिकारों की अवहेलना न हो

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम धर्मावलंबियों के उत्पीड़न के सिलसिले में चीन के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर भारत के मतदान में भाग न लेने के संबंध में प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि हमारा मानना है कि किसी देश विशेष को केन्द्रित करने से समस्या के समाधान में मदद नहीं मिलती। साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि हमने शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन के संबंध में यूएनएचआरसी की रिपोर्ट पर गौर किया है। भारत की अपेक्षा है कि नागरिकों के मानवाधिकारों की अवहेलना न हो।

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