
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कस्बा इलाके में एक लॉ छात्रा से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह हमला कथित तौर पर बुधवार को शाम को हुई। गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में दो मौजूदा छात्र हैं और तीसरा एक पूर्व छात्र है। आरोपी के वकील आजम खान ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है। महिला ने आरोप लगाया है कि कॉलेज परिसर में उसके साथ कुकर्म किया गया। कोर्ट ने मंगलवार, 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत दी है।
पीड़ित की शिकायत के बाद कस्बा पुलिस स्टेशन ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों में 31 साल के मोनोजीत मिश्रा (कॉलेज के पूर्व इकाई अध्यक्ष), 19 साल के जैब अहमद और 20 साल के प्रमित मुखर्जी (प्रमित मुखोपाध्याय) शामिल हैं। दो आरोपियों मोनोजीत और अहमद को 26 जून की शाम को कोलकाता में तालबगान क्रॉसिंग के पास सिद्धार्थ शंकर शिशु रॉय उद्यान के सामने से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए। तीसरे आरोपी प्रमित को 27 जून को सुबह 12.30 बजे उनके घर से गिरफ्तार किया गया और उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि कोलकाता में एक कॉलेज छात्रा के साथ उसके दो वरिष्ठ छात्रों और शिक्षण संस्थान के एक पूर्व छात्र ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। एक अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपियों को गुरुवार रात को गिरफ्तार किया गया। घटना 25 जून की शाम को हुई, जब छात्रा कॉलेज गई थी और तीनों आरोपी उसे शिक्षण संस्थान के अंदर एक कमरे में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। छात्रा ने कस्बा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और तीनों आरोपियों को गुरुवार को हिरासत में लिया गया। फिलहाल मामला प्रारंभिक चरण में है। छात्रा का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
भाजपा ने ममता सरकार को घेरा
भाजपा के अमित मालवीय ने इस अपराध को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक बंगाली समाचार रिपोर्ट साझा की और लिखा, ‘भयानक! 25 जून को कोलकाता के उपनगर कस्बा में एक लॉ कॉलेज के अंदर एक महिला लॉ छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। आरोपी कोई और नहीं, बल्कि एक पूर्व छात्र और कॉलेज के दो लोग थे।’
तृणमूल का एक सदस्य इसमें शामिल: भाजपा
उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल का एक सदस्य इसमें शामिल था। हालांकि, इस दावे के लिए भाजपा नेता किसी तथ्य या साक्ष्य का हवाला नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘आरजी कर का खौफ अभी भी कम नहीं हुआ है और फिर भी बंगाल में इस तरह के जघन्य अपराध रोजाना बढ़ रहे हैं। ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए एक दुःस्वप्न बन गया है।’
महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू ने कहा कि अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर गहरी चिंता व्यक्त की है और बीएनएस के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत तत्काल, समयबद्ध जांच का निर्देश दिया है। उन्होंने पीड़िता को बीएनएसएस की धारा 396 के तहत मुआवजे के साथ-साथ पूर्ण चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। आयोग ने 3 दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
आरजी कर की भयावह घटना के 10 महीने बाद हुई वारदात
यह भयावह घटना शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के 10 महीने बाद हुई है। आरजी कर मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस क्रूर अपराध की पूरे देश ने निंदा की थी। प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव कॉलेज परिसर में एक सेमिनार रूम में पाया गया था। पोस्टमॉर्टम से यह पता चला था कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। कोलकाता पुलिस ने 33 वर्षीय नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया, जिसे कोर्ट ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।