
भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासतौर पर केरल में कोविड-19 के मामले सबसे अधिक दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 208 नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में एक्टिव मामलों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों ने लोगों से मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़भाड़ से बचने जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। सरकार ने निगरानी और टेस्टिंग फिर से तेज करने के निर्देश दिए हैं।
कोविड-19 मामलों की नई लहर में केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर उभरा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां पिछले कुछ दिनों में दर्जनों नए केस प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। केरल सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और टेस्टिंग को फिर से व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
महाराष्ट्र में भी सतर्कता
हालांकि महाराष्ट्र में केस की संख्या केरल के मुकाबले कम है, फिर भी 208 नए मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें एक्टिव मोड में आ गई हैं। साथ ही बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
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केंद्र सरकार की तैयारी
भारत सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे जीनोम सीक्वेंसिंग, टेस्टिंग और टीकाकरण की निगरानी बढ़ाएं। इसके साथ ही ज़रूरत पड़ने पर मॉक ड्रिल और अस्पतालों में कोविड-बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, लेकिन ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए।
कोरोना के नए वेरिएंट्स की भूमिका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा केसों की बढ़ोत्तरी के पीछे कोविड के नए वेरिएंट्स का हाथ हो सकता है। इन वेरिएंट्स की संक्रमण दर ज्यादा हो सकती है, भले ही ये ज्यादा घातक न हों। जीनोम सीक्वेंसिंग से इसकी पुष्टि की जा रही है।
आम जनता के लिए सावधानी
सरकार और डॉक्टरों की ओर से जनता को फिर से कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाने की सलाह दी गई है। इसमें मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाना शामिल है। यदि लापरवाही की गई तो यह बढ़ती लहर एक बार फिर स्वास्थ्य तंत्र पर दबाव डाल सकती है।