दानवीर राजा कर्ण की नगरी करनाल जीटी रोड स्थित महाभारत कालीन इस क्षेत्र में चुनावी पारा चरम पर है। लोकसभा के चुनावी रण में एक तरफ भाजपा के दिग्गज मनोहर लाल हैं, जिन्हाेंने करनाल से लगातार 2 विधानसभा चुनाव जीतकर साढ़े 9 साल तक प्रदेश में सरकार चलाई है तो दूसरी ओर कांग्रेस के युवा दिव्यांशु बुद्धिराजा उन्हें चुनौती देते हुए मुकाबले में आने की कोशिश कर रहे हैं।
एनसीपी-इनेलो के संयुक्त उम्मीदवार मराठा वीरेंद्र वर्मा भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। मोदी नाम और मनोहर काम को ब्रह्मास्त्र बना रही भाजपा लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार कमल खिलाकर हैट-ट्रिक बनाने को लेकर आश्वस्त है।
जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और एनसीपी एंटी इनकंबेसी (सत्ता विरोधी लहर) को ढाल बनाते हुए बेरोजगारी, किसान आंदोलन और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे उठा रहे हैं।
हरियाणा की 9 लोकसभा सीटों पर जहां भाजपा प्रत्याशी मोदी मैजिक के सहारे मैदान में हैं, वहीं करनाल में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के काम बड़ा मुद्दा बने हुए हैं।
रोड-शो पर फोकस कर रहे मनोहर लाल के कार्यक्रमों में ‘बगैर पर्ची-खर्ची के नौकरी’, ‘सबका साथ-सबका विकास’ और गरीब कल्याण की योजनाओं के बैनर-पोस्टर लहराते समर्थक उनके कामों पर मुहर लगाते नजर आते हैं।
मनोहर लाल अपने रोड शो और जनसभाओं में कह रहे हैं कि कानूनी पेचीदगियों में जो भर्तियां फंसी रह गई हैं, जिन्हें भर्ती रोको गैंग ने फंसाया है, उन्हें लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद क्लीयर करवाकर युवाओं को जवाइन करवाया जाएगा।
घरौंडा में बस अड्डे पर खड़े रामकुमार कहते हैं कि लंबी राजनीतिक पारी खेलने के बावजूद मनोहर लाल का दामन पूरी तरह पाक साफ है, जबकि पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार जगजाहिर है।
एक समय था जब मुख्यमंत्री निवास से नौकरियां विधायकों में बंटती थी, लेकिन मनोहर सरकार में मेरिट से नौकरियां मिलने पर युवाओं का भरोसा बढ़ा है। भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद पर रोक लगी है।
वहीं, पानीपत के सेक्टर-11 निवासी महेंद्र बताते हैं कि सरकारी सेवाओं व योजनाओं के लाभ घर बैठे मिलने लगे हैं। हक लेने के लिए किसी के आगे गिड़गिड़ाना नहीं पड़ता।
युवाओं को रोजगार के लिए सिफारिशें नहीं ढूंढ़नी पड़ती। व्यवस्था परिवर्तन से सुशासन और सुशासन से सेवा के संकल्प के परिणामों की लंबी फेहरिस्त है।
करनाल के ओंगद निवासी सुभाष राणा और अनकपाल कहते हैं कि चुनाव इतना भी आसान नहीं है। हार-जीत को लेकर अभी कुछ नहीं कह सकते, लेकिन मुकाबला तगड़ा होगा।
पानीपत के गांव रिसालू में जब मनोहर लाल का रोड शो पहुंचा तो वहां कुछ ऐसे बच्चे और उनके परिवार वाले पोस्टर लेकर खड़े थे, जिनकी बिना पर्ची और बिना पर्ची के नौकरियां लगी हैं।
मनोहर लाल और उनके साथ के लोग यह सीन देखगर गदगद हो गए। नौकरी लगे इन बच्चों की दादी लोटे में दूध लेकर आई। मनोहर लाल को पीने के लिए दिया। भावुक मनोहर लाल भी स्वयं को नहीं रोक सके।