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AAP, BJP पार्षदों के हंगामे के बीच MCD सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर हंगामे और नारेबाजी के कारण बृहस्पतिवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एमसीडी समिति के चुनाव के दौरान मतदान क्षेत्र में सदस्यों को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति देने के महापौर शैली ओबेरॉय के फैसले का विरोध कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने भगवा पार्टी पर महापौर के चुनाव में हार के कारण ‘‘गुंडागर्दी’’ करने का आरोप लगाया।

सदन की बैठक बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई लेकिन नारेबाजी के बीच इसे एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही सुबह साढ़े नौ बजे पुन: शुरू हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद इसे शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ओबेरॉय ने सिविक सेंटर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान भाजपा पार्षदों ने मतपत्र फाड़ दिए।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा पार्षदों ने जो किया वह शर्मनाक है। मतपेटी को फेंक दिया गया और मतपत्रों को फाड़ दिया गया और मुझ पर हमला किया गया।’’ ओबेरॉय ने कहा, ‘‘भाजपा ने सदन में एक बार फिर असंवैधानिक व्यवहार किया। भाजपा की रेखा गुप्ता और अमित नागपाल ने सदन में गुंडागर्दी की और हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’

‘आप’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा एमसीडी के महापौर पद के चुनाव में ‘‘अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रही।’’ महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चयन संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद इन पदों पर चुनाव के लिए बुधवार को सत्र आरंभ हुआ था। सदन की कार्यवाही के पिछले 20 घंटों में हंगामा और नारेबाजी हुई तथा 12 से अधिक बार कार्यवाही स्थगित की गयी।

एमसीडी सदन में बुधवार रात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के कई सदस्यों ने एक-दूसरे के साथ मारपीट की थी और प्लास्टिक की बोतलें फेंकी थीं। इसी दिन ‘आप’ की शैली ओबेरॉय को दिल्ली की नयी महापौर चुना गया।

भाजपा पार्षदों ने मांग की कि स्थायी समिति के सदस्यों के लिए बृहस्पतिवार सुबह तक डाले गए 40 मतों को शून्य एवं अमान्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि पार्षद अपने साथ मोबाइल फोन लेकर गए थे। बहरहाल, महापौर ने कहा कि पार्षदों के मोबाइल फोन ले जाने के संबंध में कोई नियम नहीं है।

दोनों में से कोई भी पक्ष पीछे हटने को राजी नहीं हुआ और गतिरोध बना रहा। स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव कराने के तरीके को लेकर भाजपा और आप के सदस्यों के बीच बुधवार को तीखी नोकझोंक के बाद झड़पें हुईं। कुछ भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कुछ पार्षदों को हवा में फेंकी गई वस्तुएं लगीं, जबकि ओबेरॉय ने आरोप लगाया कि कुछ भाजपा पार्षदों ने कार्यवाही के दौरान उन पर हमला करने की कोशिश की।

ओबेरॉय ने आरोप लगाया कि जब वह चुनाव करा रही थीं तो कई भाजपा पार्षदों ने उन पर ‘‘हमला’’ करने की कोशिश की। ‘आप’ की ओर से जारी एक बयान में ओबेरॉय के हवाले से कहा गया, ‘‘भाजपा की गुंडागर्दी इस हद तक पहुंच गई है कि वे एक महिला पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर स्थायी समिति के चुनाव नहीं होने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम चुनाव करवाना चाहते हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद भाजपा अब भी हंगामा कर रही है और चुनाव नहीं होने दे रही। पर जब तक चुनाव नहीं होता, सदन चलता रहेगा।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने आधी रात को एक संवाददाता सम्मेलन किया और इस घटना के लिए ‘आप’ और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की आलोचना की।

आप ने बुधवार को महापौर और उप महापौर दोनों पदों का चुनाव जीत लिया और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव उपमहापौर चुने जाने के एक घंटे बाद शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही बुधवार को पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे सुचारू रूप से शुरू हुई और ओबेरॉय को महापौर चुना गया। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।

महापौर पद के चुनाव के बाद सदन को कुछ देर के लिए स्थगित किया गया और फिर उप महापौर का चुनाव हुआ, जिसमें आप के आले मोहम्मद इकबाल ने भाजपा के कमल बागड़ी को हरा दिया। इसके बाद महापौर ओबेरॉय ने एक घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। महापौर ने मतदान क्षेत्र में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दे दी, जिसका भाजपा सदस्यों ने विरोध किया। कई भाजपा सदस्य सदन के बीचों-बीच आए गए और उन्होंने केजरीवाल के विरोध में नारेबाजी की।

महापौर ने सदन की कार्यवाही शाम करीब छह बजकर 35 मिनट पर स्थगित कर दी। तब तक कई सदस्य वोट कर चुके थे। छह सदस्यीय स्थायी समिति के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के वास्ते दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।

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