

राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में कहा, “ऐसी बयानबाजी नहीं चलेगी,” जिसपर मंत्री और लोकसभा स्पीकर दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी संसद में चल रही बहस के दौरान दी, जब उन्होंने कुछ ऐसे मुद्दों पर आपत्ति जताई, जो उनके अनुसार समाज और राजनीति के लिए हानिकारक हो सकते थे। उनका कहना था कि कुछ बयानबाजी और विवादों ने देश की राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुंचाया है, और इस प्रकार की बयानबाजी का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी के इस बयान पर सत्ता पक्ष के मंत्री भड़क गए और उन्होंने इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताया। लोकसभा स्पीकर ने भी इस बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए इसे उचित नहीं ठहराया। उन्होंने संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी सदस्यों से अपेक्षाएँ जाहिर कीं कि वे गरिमापूर्वक और संयमित तरीके से बहस करें। इससे संसद में विवाद छिड़ गया, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, जहां कुछ लोगों ने उनके बयान का समर्थन किया, तो वहीं कुछ ने इसे समय की आवश्यकता के खिलाफ बताया। यह पूरी घटना संसद की कार्यवाही और भारतीय राजनीति में बयानबाजी के मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म देती है।