
सैम पित्रोदा के रांची में IIT होने के दावे ने शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी। उनका यह दावा न केवल झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाता है, बल्कि इससे कई तरह की गलतफहमियां भी पैदा हो सकती हैं। पित्रोदा ने अपने बयान में रांची को एक तकनीकी हब के रूप में पेश किया, लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने इसे पूरी तरह नकारा और कहा कि रांची में फिलहाल कोई IIT नहीं है।
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शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि गलत जानकारी देने से जनता में भ्रम फैल सकता है, और इस तरह की घटनाओं से शिक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि अगर सैम पित्रोदा ने यह बयान बिना सत्यता की जांच किए दिया है, तो उन्हें इसके कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित किया कि आगे से कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना प्रमाण के ऐसे दावे न करें जो सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करें।
इस घटना के बाद, कई शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए, और यह भी माना कि तकनीकी शिक्षा के महत्व को लेकर सही जानकारी और संदर्भ देना बेहद आवश्यक है। झारखंड में कई तकनीकी संस्थान हैं, लेकिन किसी भी तरह की गलत जानकारी का फैलना न केवल छात्रों के लिए भ्रम पैदा करता है, बल्कि राज्य की छवि को भी प्रभावित कर सकता है।