दिल्ली पुलिस में उप निरीक्षक के तौर पर काम करते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध के कम से कम 100 मामलों की जांच करने वाली निर्मला सिंह अब एक न्यायाधीश के रूप में महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने को तैयार हैं।
शानदार प्रदर्शन के साथ दिल्ली न्यायपालिका सेवा परीक्षा (डीजेएस) उत्तीर्ण करने वाली निर्मला सिंह (34) जल्द ही न्यायाधीश बनने जा रही हैं। ऐसे में उनके पास शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एक और कारण भी है।
हरियाणा के पलवल जिले के एक छोटे से गांव की निवासी सिंह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
उन्होंने मीडिया को बताया कि जब उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई शुरू की तो सोचा भी नहीं था कि वह न्यायाधीश बन जाएंगी।
उन्होंने कहा कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों में से कोई भी न तो न्यायपालिका में है और न ही दिल्ली पुलिस में। मैं फौजियों के परिवार से आती हूं और उनकी तरह मैं भी कुछ करके समाज की सेवा करना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि यही कारण था कि मैंने पुलिस में शामिल होने का विकल्प चुना। दिल्ली विश्वविद्यालय से 2014 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस की उप निरीक्षक की परीक्षा पास की।
इसके साथ इस तरह की परीक्षा पास करने वाली अपने गांव में वह पहली महिला भी बन गईं। उन्होंने कहा कि हम जैसी लड़कियों के लिए पुलिस में शामिल होना आसान नहीं था, खासकर ऐसे समाज में जहां से हम आते हैं।
मैं भाग्यशाली थी कि मुझे एक ऐसा परिवार मिला, जिसने मुझे अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए प्रेरणा और सही दिशा प्रदान की तथा करियर चुनने का ऐसा विकल्प दिया।
निर्मला सिंह के 2 भाई हैं, जिनमें से एक सेना में और दूसरा 5 सितारा होटल में मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में कार्यरत है। उनकी मां एक गृहिणी हैं।