
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का एक भड़काऊ बयान सामने आया है। उन्होंने संकेत दिया है कि पाकिस्तान ‘परमाणु विकल्प’ पर विचार कर सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने हाल ही में कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकी हमलों के खिलाफ सख्त नीति की घोषणा की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की घबराहट को दर्शाता है, क्योंकि भारत के सख्त रुख और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिल रहे समर्थन के कारण पाकिस्तान कूटनीतिक और सामरिक दबाव में है। रक्षा मंत्री का यह बयान आंतरिक राजनीति के लिए हो सकता है, लेकिन इससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा हो सकता है।
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भारत सरकार की ओर से अभी तक इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे बयान गैरजिम्मेदाराना हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर दबाव डालना चाहिए कि वह संयम बरते।
भारत की नीति पहले से ही स्पष्ट रही है — ‘नो फर्स्ट यूज़’ यानी भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से बार-बार परमाणु की धमकी देना क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए गंभीर चिंता का विषय है।