पंजाबी नेताओं की निंदा के बाद पीजीआई प्रशासन ने स्थानीय भाषा (हिंदी) के इस्तेमाल पर यू-टर्न ले लिया है। 4 जून को पीजीआई के निदेशक विवेक लाल ने सभी कर्मचारियों को आदेश जारी किया था कि वे जहाँ तक संभव हो, सिर्फ़ हिंदी का इस्तेमाल करें।
लेकिन पत्र के वायरल होने के कुछ दिनों बाद ही पंजाबी भाषी लोगों ने इसका विरोध किया और कई नेताओं ने पीजीआई प्रशासन के इस कदम की निंदा की थी।
अब पीजीआई ने अपने पहले के पत्र में संशोधन करते हुए पंजाबी भाषा के प्रयोग का भी आदेश दिया है। गौरतलब है कि 26 जून को लिखे अपने नए पत्र में पीजीआई निदेशक विवेक लाल ने कहा है कि मैंने दिनांक 04.06.2024 को अपने अर्धशासकीय पत्र के माध्यम से आपसे अनुरोध किया था कि मरीजों की सुविधा के अनुसार ओपीडी/आईपीडी पर्चियां/कार्ड आदि हिंदी में लिखें तथा उन्हें हिंदी में निर्देश या दिशा-निर्देश देने का हर संभव प्रयास करें, सामान्य बीमारियों और उनके उपचार/रोकथाम से संबंधित विषयों पर हिंदी में वीडियो तैयार कर समाज को जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में संशोधन करते हुए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मरीजों की सुविधा के अनुसार हिंदी के स्थान पर हिंदी और पंजाबी दोनों सामान्य भाषाओं का प्रयोग जारी रखा जाए। हाल ही में पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना ने भी पीजीआई प्रशासन के इस कदम की निंदा की थी।