प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसानों, खिलाड़ियों और वीरों की भूमि हरियाणा को 9770 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की अहम सौगात दी है।
उन्होंने रेवाडी जिले के माजरा मुस्तिल भलाकी गांव में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी, जो लगभग 1650 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।
यह संस्थान हरियाणा में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
रेवाडी जिले में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5450 करोड़ रुपये की लागत से गुरूग्राम मेट्रो परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास किया।
गुरूग्राम मेट्रो लाइन नये गुरूग्राम को पुराने गुरूग्राम से जोड़ेगी। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अन्य गणमान्य लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने 470 करोड़ रुपये की लागत से भिवानी-डोभ भाली रेल लाइन, 410 करोड़ रुपये की लागत से मानहेरू-बवानी खेड़ा रेल लाइन, 350 करोड़ रुपये की लागत से रेवाड़ी-खाटूवास रेल लाइन के दोहरीकरण की आधारशिला भी रखी।
इसके अलावा 310 करोड़ रुपये की लागत से खाटूवास-नारनौल रेल लाइन की भी आधारशिला रखी। इन लाइनों के दोहरीकरण से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यात्रियों और माल का परिवहन सुगम हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने 890 करोड़ रुपये की लागत से बनी रोहतक-महम-हांसी नई रेलवे लाइन का भी उद्घाटन किया और इस लाइन पर पहली ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई।
यह रेलवे लाइन हिसार से दिल्ली तक सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, इससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सामाजिक-आर्थिक प्रगति होगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरूक्षेत्र में 240 करोड़ रुपये की लागत से बने ज्योतिसर अनुभव केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह अनुभव केंद्र महाभारत की कहानी से संबंधित कलात्मक, विषयगत और मल्टीमीडिया प्रदर्शनियों का प्रदर्शन करेगा।
इंटरैक्टिव डिस्प्ले, एलईडी दीवारें, प्रोजेक्शन स्क्रीन, इमर्सिव रूम, काइनेटिक इंस्टॉलेशन आदि से सुसज्जित, यह संग्रहालय नवीन प्रौद्योगिकियों के साथ डिजाइन किया गया है।
इस केंद्र के माध्यम से, धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र आने वाले तीर्थयात्रियों को महाभारत से संबंधित घटनाओं को स्पष्ट रूप से देखने का अवसर मिलेगा। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।