
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर दुनिया को सख्त संदेश दिया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि “जो भारतीयों का खून बहाते हैं, उनके लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं रहेगी।” पीएम मोदी का यह बयान वैश्विक स्तर पर भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति को दर्शाता है। उन्होंने साफ किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और किसी भी कीमत पर देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। आज का भारत न केवल हमलों का जवाब देना जानता है, बल्कि आतंकियों को उनके घर में घुसकर भी मारने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह संदेश उन देशों के लिए भी दिया जो आतंकियों को शरण देते हैं।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में भारत के कुछ हिस्सों में आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत लगातार यह मांग कर रहा है कि आतंक को पनाह देने वाले देशों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। लेकिन जो देश या संगठन भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उनके इस बयान को रणनीतिक और कूटनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब सिर्फ कड़ी निंदा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ज़रूरत पड़ी तो ठोस जवाब भी देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि आतंकवाद सिर्फ किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकियों को शरण देते हैं, वे खुद भी इस आग में जलेंगे।
मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब रक्षात्मक नीति से आगे बढ़कर आक्रामक सुरक्षा रणनीति अपना चुका है। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का उदाहरण देते हुए कहा कि अब भारत चुप नहीं बैठता, बल्कि समय आने पर कड़ा और निर्णायक कदम उठाता है। यह बात देश के युवाओं और सैनिकों में आत्मविश्वास भरने वाली है।
उन्होंने सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना, बीएसएफ, और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सीमाओं की रक्षा में दिन-रात जुटी हुई हैं। आतंकवाद के खिलाफ उनकी निडर कार्रवाई से दुनिया को यह संदेश गया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करता।