लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन करने वाले जननायक जनता पार्टी के विधायकों की मुसीबत बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
जननायक जनता पार्टी ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता खारिज करवाने को लेकर हरियाणा विधानसभा ज्ञानचंदगुप्ता के सामने 2 अलग-अलग याचिकाएं दायर की है।
पार्टी ने नरवाना से विधायक रामनिवास सूरजा खेड़ा और बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग की सदस्यता रद्द करवाने के खिलाफ याचिकाएं दायर की है।
इस संबंध में जननायक जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने बताया कि लंबे समय से इन दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिल रही थी। जिन्हें आधार बनाकर हरियाणा विधानसभा स्पीकर के सामने सदस्यता रद्द करवाने की याचिका लगाई है।
उन्होंने बताया कि दोनों विधायकों ने मीडिया में दी गई स्टेटमेंट को आधार बनाया गया है। विधानसभा स्पीकर ने जेजेपी की याचिकाओं को स्वीकार उम्मीद है कि जल्द ही अगली कार्यवाही की जाएगी।
बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने भारतीय जनता पार्टी के हिसार लोकसभा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला के लिए प्रचार किया है। नरवाना से विधायक रामनिवास सूरजा खेड़ा करनाल में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नामांकन के समय मौजूद थे। वही नरवाना में आयोजित बीजेपी की चुनावी रैली में रामनिवास ने मंच भी सांझा किया था।
उन्होंने बताया कि पार्टी ने दोनों याचिकाएं संविधान के अनुच्छेद 191 के तहत बने 10वीं अनुसूची के तहत दायर की है। जिसमें कोई भी सदस्य यदि पार्टी विरोधी गतिविधियां करता हुआ पाया जाता है। तो उसकी सदस्यता रद्द करने सबंधी प्रावधान दिए गए हैं।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि जननायक जनता पार्टी की इस फैसले से उनका कम और भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि इस वक्त विपक्ष मौजूद भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रहा है।
जेजेपी के फैसले से विपक्ष के सदस्यो की संख्या सदन में कम हो जाएगी। इससे बीजेपी को बहुमत साबित करने में आसानी होगी।
वही जननायक जनता पार्टी को इसका फायदा यह होगा कि मीडिया में जो पार्टी के दो फाड़ होने की जो चर्चाएं चल रही हैं, उन पर विराम लग सकता है। साथी पार्टी के बाकी विधायकों के स्वर भी कमजोर होंगे।