निजी स्कूल संस्थान निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कनीना में हुए सड़क हादसे में बच्चों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने घायल बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
उन्होंने कहा की चालक के शराब पिए जाने, ओवर स्पीड और छुट्टी वाले दिन स्कूल खोले जाने के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार व प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महज एक अधिकारी को निलंबित किया गया है।
इसके लिए अन्य प्रशासनिक अधिकारियों आरटीए, जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जैसे की स्कूल प्रबंधन और संचालकों के विरुद्ध की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि प्रशासन के आदेश चंद स्कूलों पर ही लागू होते हैं, जबकि जो व्यक्ति पावरफुल है उसके ऊपर प्रशासनिक अधिकारियों के डंडा बिल्कुल नहीं चलता।
जबकि अन्य लोगों के ऊपर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बेबाकी से कहा कि वह एक-एक स्कूल का नाम बता सकते हैं कि किसके विरुद्ध कार्रवाई होगी और किसके विरुद्ध नहीं होगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से गुजरात राज्य में शराब बंद है। गुजरात मॉडल पूरे देश में लागू है इसी प्रकार से हरियाणा प्रदेश में भी शराब को बंद किया जाना चाहिए।
ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो। उन्होंने कहा कि सरकार की पता नहीं क्या मजबूरी है उसे बच्चों को भविष्य की बजाय राजस्व की चिंता अधिक रहती है।
उन्होंने माननीय पंजाब एंड हाई कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसकी गाइडलाइन के अनुसार किसी भी स्कूल की बस उसके स्कूल के दायरे से बाहर नहीं जा सकती।
जबकि अमूमन राजनीति रेलियो में बसे प्रदेश के बाहर भी जाती हैं। इसको लेकर उनके द्वारा पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय रिट भी दायर की हुई है।
इस दौरान रेलिया में शराब पीने वाले हुड़दंगी उन बसों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं और उनके सभी नियम टूट जाते हैं। उन्होंने ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को लेकर भी सरकार व प्रशासन पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी भी महज कुछ ही लोगों पर लागू होती है। लेकिन रसूखदार लोगों पर यह लागू नहीं होती। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एक एसओपी बनाई जाएगी।
जिसमें वह खुद से ही इसकी शुरुआत करेंगे की किस प्रकार से बच्चों के लिए सुरक्षा मानक तय किए जाएं हमें खुद में भी सुधार लाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि माता-पिता पूरे विश्वास के साथ अपना बच्चा स्कूल संचालक को सौंपता है। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी जिसको एक रजिस्टर लगाया जाएगा जिसमें माता-पिता द्वारा बच्चों के स्कूल में सुरक्षा के मानक तय किए जाएं।
उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। आरटीओ विभाग को भी आडे हाथों लेते हुए कहा कि आरटीओ विभाग सिर्फ चालान काटने और पैसे वसूलने के लिए है।