लोकसभा चुनाव की शुरुआत होने में अब चंद हफ़्ते बांकी है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एकबार फिर भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कर दी है।
हालांकि, दूसरे चरण की इस यात्रा का नाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा रखा गया है। यह यात्रा 6700 किलोमीटर की होने वाली है। जो मणिपुर से शुरू होकर मुम्बई तक जाएगी।
बस से और पैदल होने वाली 66 दिनों की ये यात्रा 15 राज्यों की 100 लोकसभा संसदीय क्षेत्र और 337 विधानसभा क्षेत्र से गुज़रेगी।
लोकसभा चुनाव से पहले एक ओर भाजपा राम मंदिर के सहारे चुनावी बैतरणी पार करना चाहती है तो वहीं कांग्रेस इस यात्रा के सहारे जनता को अपने साथ जोड़ने की जुगत में लगी हुई है।
यही कारण है कि राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरूवात हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर से किया। राहुल गांधी ने मणिपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि मणिपुर जिस दर्द से गुज़रा है, हम उस दर्द को समझते हैं।
हम वादा करते हैं कि उस शांति, प्यार, एकता को वापस लाएंगे। जिसके लिए ये राज्य हमेशा जाना जाता है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शुरू हुए 4 दिन हो गया है।
राहुल गांधी इस वक़्त नागालैंड में हैं। ये यात्रा असम, बिहार, मध्य प्रदेश सहित 15 राज्यों से होकर अपने तय स्थान पर पहुंचेगा। कांग्रेस पार्टी ने इस यात्रा का रूट सोच समझ कर बनाया है।
राहुल गांधी उन लोकसभा सीटों से गुजरेंगे जहाँ कांग्रेस की वापसी संभव दिखाई दे रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार रूट में आने वाली 14 राज्यों की 129 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने है।
हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में इन 129 में से भाजपा ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तो माना जा रहा है कि इन 129 सीटों पर यात्रा के सहारे पार्टी को मजबूत किया जाए।
वहीं, एक और पहलू यह निकल कर आया कि जिन 14 प्रदेशो से यह यात्रा गुजरेगी, उन 14 में से 6 राज्यों में कांग्रेस को 30% से अधिक वोट मिले थे।
न्याय यात्रा के जरिये उन राज्यों में पार्टी को और मजबूत करना मुख्य धेय्य होगा। हालांकि, राज्य के स्तर पर कांग्रेस में बड़े लीडरशिप की कमी दिखाई देती है।
इन 14 राज्यों में एक भी ऐसा नेता नहीं है जिन्हें बड़े नेताओं में गिना जा सके। यात्रा के रूट में जो 14 राज्य आ रहे हैं, उनमें कहीं भी कांग्रेस की सरकार नहीं है।
हाँ, बिहार और झारखंड में जरूर गठबंधन सरकार में कांग्रेस हिस्सा है। बता दें, एक ओर कांग्रेस राहुल गांधी की अगुवाई में न्याय यात्रा निकाल रहा है।
वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के सीट शेयरिंग पर भी चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि इन महीने के अंत तक सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला आ जायेगा।