पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने बृहस्पतिवार को उपायुक्तों को अपने जिलों के संवेदनशील स्थानों का फिर से दौरा कर बाढ़ सुरक्षा कार्यों को संतोषजनक ढंग से पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने अधिकारियों को मानसून के दौरान संवेदनशील स्थानों के निकटवर्ती गांवों में स्थानीय लोगों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, वर्मा ने सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।
उन्होंने अधिकारियों को मानसून के दौरान पूरी तरह से सतर्क रहने के निर्देश दिए ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो।
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव कृष्ण कुमार ने बैठक में बताया कि भाखड़ा बांध का जलस्तर बृहस्पतिवार को 1,590 फुट पर था, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान से आठ फुट कम है।
ठीक इसी तरह पौंग बांध का जलस्तर पिछले साल की तुलना में 30 फुट और रंजीत सागर का जलस्तर 34 फुट कम है।
वर्मा ने बताया कि इस वर्ष 252 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं। यह राशि पिछले दो वर्षों के दौरान किए गए औसत कार्य से लगभग 1.5 गुना अधिक है।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे शहरों में नालों की सफाई की जांच करें। उपायुक्तों को पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के साथ मिलकर बिजली व्यवस्था की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए ताकि बारिश के दौरान कम से कम व्यवधान हो।
उपायुक्तों ने मुख्य सचिव को बताया कि आपात स्थिति के लिए उनके पास निकासी योजना बिल्कुल तैयार है। बयान के मुताबिक, सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आपात स्थिति के लिए मनुष्यों और जानवरों के लिए आश्रय स्थलों की पहचान कर ली गई है।