पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान श्रीमती गिल ने कहा कि इस बजट में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है।
अध्यक्ष राज लाली गिल ने इस बात पर जोर दिया कि बजट महिलाओं की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहा है, तथा उनके सशक्तिकरण के लिए कोई विशिष्ट कार्यक्रम या वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की गई है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि महिलाएं अपनी आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने के लिए पहल की अपेक्षा कर रही थीं, लेकिन बजट इन अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता।
राज लाली गिल ने कहा कि केंद्रीय बजट में महिलाओं की दुर्दशा को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस बजट में किए गए वादे सिर्फ दिखावे के लिए हैं। जब तक वे लागू होंगे, तब तक दूसरा बजट आ जाएगा।
उन्होंने वन स्टॉप सेंटर के लिए अतिरिक्त फंड की कमी की ओर भी ध्यान दिलाया, जो हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं को आवश्यक सहायता सेवाएं प्रदान करते हैं। वन स्टॉप सेंटर के लिए अतिरिक्त फंड की कमी महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के प्रति सरकार की अनदेखी का स्पष्ट संकेत है।
रोजगार के एक अन्य प्रमुख मुद्दे पर श्रीमती गिल ने कहा कि वित्त मंत्री ने दावा किया था कि केंद्र सरकार हर साल 2 करोड़ नौकरियां दे रही है, लेकिन इस बजट में इस दावे के समर्थन में कोई ठोस उपाय नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा कि यह बजट पार्टी बचाने वाला बजट है।
गिल ने केंद्र सरकार से बजट पर पुनर्विचार करने और ऐसे उपाय शामिल करने का आह्वान किया जो वास्तव में महिलाओं को सशक्त बनाएंगे और उनकी अनूठी चुनौतियों का समाधान करेंगे।
उन्होंने सरकार से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और उद्यमिता के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने का आग्रह किया ताकि देश के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।