
बिहार की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की टीमों ने राजद विधायक रीतीलाल यादव के 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई राजधानी पटना सहित कई जिलों में फैले उनके आवासों और व्यावसायिक ठिकानों पर की गई।
सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी में अधिकारियों को लगभग 10.5 लाख रुपये नकद, कई अहम दस्तावेज़ और जमीन की 14 रजिस्ट्री डीड मिली हैं। शुरुआती जांच में इन संपत्तियों की वैधता और स्रोत को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। टीम ने कई डिजिटल उपकरण जैसे लैपटॉप, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क भी जब्त किए हैं।
कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी सुरक्षा व्यवस्था रही और किसी को भी परिसर के अंदर जाने की इजाज़त नहीं दी गई। रीतलाल यादव या उनके परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही जांच का हिस्सा है। एजेंसियों को शक है कि विधायक की कई संपत्तियाँ बेहिसाब आय से जुड़ी हो सकती हैं। अब इन संपत्तियों के कागज़ात की वैधता, रजिस्ट्रेशन की तारीख और लेन-देन की गहराई से जांच की जाएगी।
इस कार्रवाई ने राज्य में राजनीतिक बहस को फिर से गर्म कर दिया है। विपक्षी दलों ने इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया है, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे “कानून के तहत उठाया गया कदम” करार दिया है।