
संभल की जामा मस्जिद को लेकर लंबे समय से चल रहे सर्वे विवाद पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें सर्वे के खिलाफ रोक लगाने की मांग की गई थी। इस फैसले से अब सर्वे का रास्ता साफ हो गया है।
मस्जिद कमेटी ने दलील दी थी कि यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है और सर्वे से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। लेकिन कोर्ट ने माना कि प्रशासनिक जांच और ऐतिहासिक तथ्यों को जानने का अधिकार राज्य सरकार और कोर्ट के आदेशों के तहत वैध है।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सर्वे मात्र एक तथ्यों की पुष्टि की प्रक्रिया है, न कि किसी धार्मिक स्थल पर अधिकार जताने की कोशिश। न्यायालय ने यह भी कहा कि सर्वे निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए, जिससे किसी पक्ष की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
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अब जिला प्रशासन इस आदेश के बाद अगली कार्यवाही शुरू करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि Archaeological Survey of India (ASI) या स्थानीय राजस्व विभाग के अधिकारी इस प्रक्रिया को अंजाम देंगे। सर्वे के दायरे, तारीख और रूपरेखा को लेकर जल्द नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
वहीं, मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा है कि वे इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन तब तक के लिए संभल जामा मस्जिद में सर्वे की प्रक्रिया वैध मानी जाएगी और इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं है।