नशे के खिलाफ लड़ाई में मिसाल कायम करते हुए एसडीएम मलोट डॉ. संजीव ने एक स्क्रिप्ट तैयार की है, जिसे जिले के 150 स्कूलों में प्रदर्शित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, अब तक लगभग 1500 छात्र इन नाटकों में भाग ले चुके हैं।
शैक्षिक सामग्री और भावनात्मक कथाओं से भरपूर ये नाटक युवा मन तक पहुँचने और उन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करने का एक प्रभावी माध्यम साबित हुए हैं।
इन प्रदर्शनों ने न केवल छात्रों को आकर्षित किया है, बल्कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा और सीखने में भी मदद की है। उनके बहुमुखी दृष्टिकोण ने न केवल कई लोगों के दिलों को छुआ है, बल्कि मलोट जिले में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
भावनात्मक अपील वाला एक हृदयस्पर्शी गीत
डॉ. संजीव की रचनात्मकता उनके द्वारा लिखे गए एक बेहद मार्मिक गीत में झलकती है, जिसका उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
टीम के एक सदस्य की भावपूर्ण आवाज़ द्वारा जीवंत किया गया यह गीत कई लोगों के दिलों में गूंज रहा है, यह एक शक्तिशाली संदेश देता है जो श्रोताओं के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है।
यह गीत उनके अभियान का मुख्य हिस्सा बन गया है, जो प्रभावी रूप से इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करता है और समुदाय के भीतर चिंतन और संवाद को प्रेरित करता है।
शक्तिशाली वीडियो संदेश
दृश्य मीडिया की ताकत को समझते हुए, डॉ. संजीव ने एक सम्मोहक वीडियो के निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाई। यह वीडियो, जिसमें मजबूत संदेश और भावनात्मक अपील है, अभियान के संदेश को दूर-दूर तक फैलाने में सहायक रहा है।
दृश्य कथा-कथन नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उसके परिणामों की गंभीरता को प्रभावी ढंग से दर्शाता है तथा दर्शकों से इसके खिलाफ़ आवाज़ उठाने का आग्रह करता है।
व्यापक प्रभाव के लिए एक स्केलेबल मॉडल
डॉ. संजीव का जागरूकता मॉडल अनुकरणीय है और इसमें विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने जो रणनीति अपनाई, उसे राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर आसानी से अपनाया और लागू किया जा सकता है।
उनका अभियान अन्य क्षेत्रों के लिए एक खाका प्रस्तुत करता है, जो व्यापक और आकर्षक जागरूकता पहल के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटना चाहते हैं।